दोनों नन बेकसूर, मारपीट कर झूठा बयान दिलवाया; छग के धर्मांतरण मामले में पीड़िता का सनसनीखेज दावा
युवती ने बताया कि, ‘मैं अपने माता-पिता की सहमति से ननों के साथ आगरा जा रही थी। वहां से हम भोपाल जाने वाले थे जहां हमें एक ईसाई अस्पताल में नौकरी मिलना थी। जहां हमें भोजन, कपड़े और रहने की जगह के साथ 10,000 रुपए मासिक वेतन भी मिलना था।’