
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से हथियार और अन्य माओवादी सामग्री बरामद की गई है। मारे गए माओवादियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से हथियार और अन्य माओवादी सामग्री बरामद की गई है। मारे गए माओवादियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। दंतेवाड़ा के पुलिस सुपरिटेंडेंट (एसपी) गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर जंगल में उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई, जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम माओवादी विरोधी अभियान पर निकली थी।
एसपी ने बताया कि इलाके में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर सोमवार को शुरू किए गए अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान शामिल थे। एसपी ने कहा, “सुबह 8 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और बाद में हमें तीन माओवादियों के शव मिले। मुठभेड़ स्थल और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा गहन तलाशी अभियान जारी है।” एसपी ने आगे कहा कि मामले से जुड़ी अधिक जानकारी का इंतजार है।
इससे दो दिन पहले 23 मार्च को बीजापुर जिले में 11 लाख रुपये के इनामी छह नक्सलियों समेत कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इनमें से अयातु पुनेम, पांडु कुंजम, कोसी तमो, सोना कुंजम और लिंगेश पदम पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था, जबकि तिबरूराम माडवी को पकड़ने के लिए एक लाख रुपये इनाम घोषित किया गया था।
उन्होंने बताया, ‘‘पुनेम प्रतिबंधित माओवादी संगठन के आंध्र-ओडिशा-सीमा (एओबी) मंडल के तहत प्लाटून नंबर 1 के सदस्य के रूप में सक्रिय था। पांडु और तामो क्रमशः प्लाटून नंबर-9 और प्लाटून नंबर- 10 के पार्टी सदस्य थे। सोना नक्सल संगठन की तेलंगाना राज्य समिति के तहत प्लाटून पार्टी का सदस्य था।’’पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘माडवी, जनताना सरकार का प्रमुख था जबकि लखमा कदती, दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन (केएएमएस) का अध्यक्ष था। अन्य निचले स्तर के सदस्य थे।’’ अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक बीजापुर में 107 माओवादियों ने हथियार डाल दिए हैं।
