छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन पर शासन का शिकंजा कसता जा रहा है। जीएसटी की टीम ने इस वारदात के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की फर्म पर छापेमार कार्रवाई की है, इस दौरान जांच में 2 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। साथ ही इस मामले में वाणिज्यिक कर विभाग भी जांच भी कर रहा है। सीमेंट-सरिया की खरीदारी दिखाकर बड़ी राशि का आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लेने की बात सामने आई है।
राज्य वाणिज्यिक कर विभाग ने बीजापुर जिले में सड़क निर्माण करने वाली फर्म मेसर्स सुरेश चंद्राकर के परिसरों का 27 दिसंबर को निरीक्षण किया था। शुरुआती जांच में यह तथ्य सामने आया था कि फर्म ने विगत वित्तीय वर्षों में 2 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया है। विभाग की जांच में पता चला है कि फर्म ने विगत वर्षों में पात्रता से अधिक आईटीसी का दावा किया है।
वाहन और कपड़ों पर भी आईटीसी का दावा
सुरेश चंद्राकर की कंपनी ने वाहनों और कपड़ों जैसी अपात्र वस्तुओं पर भी आईटीसी का दावा किया, जो जीएसटी प्रावधानों के खिलाफ है। व्यावसायिक स्थल पर आवश्यक रिकॉर्ड और चालान अधूरे पाए गए हैं। सीमेंट और सरियों की खरीदारी दिखाकर बड़ी राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट भी लिया और उस अनुपात में बिटूमीन क्रय यानी खरीदी नहीं दिखाया है।
रिकॉर्ड की विस्तृत जांच की जा रहीः वित्त मंत्री
प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि कांट्रेक्टर सुरेश चंद्राकर ने गड़बड़ियों को स्वीकार करते हुए 30 दिसंबर 2024 को 30 लाख रुपए टैक्स का भुगतान किया है। अन्य भुगतान दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भी लंबित है। विभाग द्वारा जीएसटी रिटर्न और बैंक खातों का मिलान किया जा रहा है। लेन-देन के रिकॉर्ड की विस्तृत जांच भी की जा रही है, ताकि फाइनल टैक्स भुगतान निर्धारित किया जा सके।