बच्चे कैसे घायल हुए? भूपेश बघेल ने मुठभेड़ पर उठाए सवाल, BJP सरकार को दी एक नसीहत

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में 12 दिसंबर को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार बच्चों के घायल होने की बात सामने आने के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार को सावधानी बरतने की नसीहत दी है।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरThu, 19 Dec 2024 09:46 AM
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छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में 12 दिसंबर को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार बच्चों के घायल होने की बात सामने आने के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार को सावधानी बरतने की नसीहत दी है। साथ ही यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि नक्सलवाद का खात्मा करने को ‘अनुचित समय सीमा’ के कारण बच्चों को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को खत्म करने संबंधी बयान का जिक्र किया।

रिकॉर्ड खराब है

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने एक्स पर लिखा, ‘जब सुरक्षा बल नक्सलियों से लड़ रहे थे, तो ये बच्चे कैसे घायल हो गए? क्या यह वाकई मुठभेड़ थी या फिर निर्दोष लोगों की हत्या? फर्जी मुठभेड़ों के मामले में भाजपा सरकार का रिकॉर्ड खराब है। यहां तक ​​कि पिछले कार्यकाल में भी ऐसी कई घटनाएं हुई थीं। मेरा मानना ​​है कि केंद्र सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और राज्य सरकार को सावधानी बरतने का निर्देश देना चाहिए। माओवादियों को अनुचित समयसीमा के अंदर खत्म करने की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं के चक्कर में निर्दोष आदिवासी लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।’

नक्सलियों ने बनाया मानव ढाल

अपने पोस्ट में बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्री कार्यालय के आधिकारिक हैंडल को भी टैग किया। आदिवासी कार्यकर्ता और बस्तर क्षेत्र की निवासी सोनी सोरी ने उन गांवों का दौरा किया जहां मुठभेड़ हुई थी। उन्होंने इसे ‘फर्जी मुठभेड़’ बताया, लेकिन सुरक्षा बलों ने बुधवार रात एक बयान जारी कर कहा कि बच्चे इसलिए घायल हुए क्योंकि माओवादियों ने मुठभेड़ के दौरान उन्हें ‘मानव ढाल’ के रूप में इस्तेमाल किया। पुलिस ने कहा कि तीन लड़कों के सिर, बटक और गर्दन के पिछले हिस्सों पर चोटें आईं, जो माओवादियों के बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) के छर्रे लगने की वजह से लगी।

सात नक्सलियों को मार गिराया था

कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने दावा किया कि मारे गए लोगों में से पांच स्थानीय लोग थे जो खेतों में काम कर रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान एक लड़की समेत चार नाबालिग पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गए। पुलिस ने 12 दिसंबर को दावा किया था कि नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर दक्षिण अबूझमाड़ के कल्हाजा-दोंदरबेड़ा गांव की पहाड़ियों पर सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में दो महिलाओं समेत सात नक्सली मारे गए। बाद में पुलिस ने बताया कि सभी सातों पर इनाम घोषित था।