कोर्ट की अवमानना के आरोप में टीआई पर मुकदमा दर्ज

रायगढ़। भूपदेवपुर के थाना प्रभारी ने अपने आचरण से अपने पैरों पर तो कुल्हाड़ी मार ही ली है, साथ ही शासन की भी किरकिरी करवा दी। दरअसल, एक मामले में रामकिंकर यादव ने सेशन कोर्ट के सुपुर्दनामा आदेश को मानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद उनके ऊपर न्यायालय अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 12 एवं 14 के तहत न्यायालय में मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीडि़त पक्ष ने टीआई को दंडित करने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस थाना भूपदेवपुर के अपराध क्रमांक 20/24 धारा 279 और 337 के अंतर्गत गुरुश्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की बोलेरो पिकअप सीजी 13- 2043 जब्त की गई थी। वाहन मालिक ने इस वाहन का सुपुर्दनामा लेने के लिए न्यायिक दण्डाअधिकारी प्रथम श्रेणी, खरसिया के अदालत में आवेदन पेश किया था जिसे थाना प्रभारी की आपत्ति के आधार पर खारिज कर दिया गया था।

आवेदन खारिज होने पर गुरुश्री इंडस्ट्रीज द्वारा सेशन कोर्ट में रिवीजन दायर किया गया। मामले की सुनवाई करते हुए षष्ठम अपर सेशन जज, रायगढ़ ने खरसिया कोर्ट के फैसले को पलटते हुए 21 मार्च को गाड़ी के सुपुर्दनामे का आदेश जारी किया । गाड़ी मालिक ने सत्र न्यायालय के इस आदेश को 23 मार्च को न्यायिक दंडाधिकारी, खरसिया दीप्ति बरवा के समक्ष पेश किया जिन्होंने इसे स्वीकार करते हुए भूपदेवपुर थानेदार को वाहन मालिक को वाहन का कब्जा देने और तत्संबंधी प्रतिवेदन कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया।

23 मार्च को आदेश जारी किए जाने के बाद भी भूपदेवपुर टीआई ने जब्त वाहन का सुपुर्दनामा नहीं दिया और तमाम बहाने बनाते रहे, ऐसे में के खिलाफ शपथपत्र के साथ न्यायालय में कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का मुकदमा पेश किया गया और सेशन जज से टीआई को दंडित करने की मांग की गई । इसमें थानेदार और छत्तीसगढ़ शासन को व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 80 के तहत पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता ने नोटिस भी दी है कि अवैध रूप से वाहन को थाने में रखने के कारण वाहन मालिक को पांच हजार रुपए प्रतिदिन की दर से भुगतान किया जाए अन्यथा छत्तीसगढ़ सरकार और टीआई के खिलाफ हर्जाने की रकम की वसूली के लिए मामला सिविल कोर्ट में पेश किया जाएगा ।