मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम के संस्थापक और प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का कहना है कि क्रिसमस के दिन अपने बच्चों को लाल कपड़े और टोपी पहनाकर उन्हें जोकर मत बनाइए। बल्कि अगर बनाना है तो उन्हें वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप या रानी लक्ष्मीबाई बनाइए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अपने धर्म को छोड़कर किसी दूसरे धर्म की जूठन मत खाइए।
उन्होंने कहा, ‘अभी हम आ रहे थे तो रास्ते में हमने देखा कि बहुत सारी दुकानें यहां पर रायपुर के इन रास्तों पर लगी हुई थी, लाल कलर के कपड़े पहने बच्चों की ड्रेस में पुतले और उसके ऊपर टोपी। बहुत सारे कपड़े बिक रहे थे, कोई कुछ बेच रहा था, कोई कुछ बेच रहा था। जिसके बाद हमने अपने पीएसओ से पूछा कि ये आज क्या बिक रहा है, तो उसने हमें बताया कि आज लोग लेते हैं बच्चों को पहनाने के लिए। तो हमने कहा बताओ दुनिया कहां चली गई।’
आगे पंडित मिश्रा ने कहा, ‘अगर भारत की भूमि पर किसी को पहनाना है तो वीर शिवाजी के कपड़े पहना दो, भारत की भूमि पर पहनाना है तो महाराणा प्रताप के कपड़े पहना दो, भारत की भूमि पर अगर पहनाना है तो अपने बच्चों को वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, झांसी की रानी और मां अहिल्या बाई बना दो, पर अपने बच्चों को ऐसे कपड़े पहना के जोकर मत बनाइए जिससे उनकी हंसी उड़ जाए।’
साथ ही उन्होंने नया साल मनाने वाले सनातनी लोगों से कहा कि वे नया साल शराब की दुकानों पर जाकर नहीं बल्कि शिव मंदिरों में पूजा-पाठ कर मनाएं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी नए साल के मौके पर लोग जमकर पीते हैं और गटर में मिलते हैं। कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने ये बातें रायपुर के सेजबहार में आयोजित कथा में कहीं। यहां 24 से 30 दिसंबर तक कथा का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय नववर्ष चैत्र नव वर्ष में गंगाजल खुलता है, जबकि 31 दिसंबर को शराब की बोतलें खुलती है। उन्होंने कहा, सनातनी लोग चैत्र नव वर्ष में मंदिर और शिवालय में मिलते हैं।