
खरसिया, 31 अगस्त। खरसिया के ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा के लोग एक बार फिर मुक्तिधाम निर्माण की मांग को लेकर सामने आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से इस मांग को चुनावी मंचों और जनसुनवाइयों में उठाया गया, लेकिन अब तक जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
गांव में अंतिम संस्कार के लिए कोई भी व्यवस्थित जगह नहीं है। पहले जो स्थान मुक्तिधाम के रूप में बनाया गया था, वह आज जर्जर हो चुका है। वहां न तो छाया के लिए शेड है, न पानी की सुविधा, और न ही साफ-सफाई का इंतजाम। इस वजह से ग्रामीणों को खुले स्थानों पर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि यह स्थिति न केवल धार्मिक परंपराओं का अपमान है बल्कि परिजनों और पूरे समाज के लिए मानसिक पीड़ा का कारण भी बनती है।
ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जिला पंचायत सदस्य (जो ग्राम दर्रामुड़ा के निवासी हैं), जनपद सदस्य (जिनका संबंध पास के ग्राम जामपाली से है) और पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की है कि तत्काल उपयुक्त स्थान चिन्हित कर मुक्तिधाम का निर्माण कराया जाए। उनका आरोप है कि नेता सिर्फ वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद इस मुद्दे को भूल जाते हैं।
गांववालों का कहना है कि यदि पंचायत ईमानदारी से पहल करे तो पूरा गांव सहयोग के लिए तैयार है। दर्रामुड़ा में मुक्तिधाम का निर्माण सिर्फ एक मांग नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक गरिमा से जुड़ा सवाल है। अब ग्रामीणों की नजर इस बात पर है कि जनप्रतिनिधि कब तक चुप्पी साधे रहते हैं और क्या वास्तव में उनकी जिम्मेदारी निभाते हैं या फिर यह मांग भी कागजों में ही दबकर रह जाएगी।
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