रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 साल पहले जनता ने भाजपा की ताजपोशी, काम करके दिखाने और चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए की थी। विष्णु साय के नेतृत्व में भाजपा सत्ता सम्हालते ही, जीत के जश्न में नहीं डूबी बल्कि बिल्कुल समय नहीं गवांते हुए वो चुनाव के दौरान जनता से किये हुए वायदों को एक एक करके पूरा करने में जुट गई।दरअसल में छत्तीसगढ़ में भाजपा को कांटो का ताज मिला था और उसके सिर पर अपेक्षाओं और वायदों का बोझ लदा हुआ था। भाजपा ने जितने वायदे किये थे तोउसके सामने सरकार बन जाने पर उसे जल्द से जल्द पूरा करना उसके लिए सबसे बड़ी चुनोती थी। भाजपा के सामने सबसे पहले चुनोती उसके पूर्व के शासन काल के बकाया धान के बोनस का किसानों को भुगतान करने की थी।
इसी के साथ धान का खरीदी मूल्य 3100 रुपया किवंटल भी करना होगा तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करनी, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को बारह हजार रुपये सालाना दिए जाने तथा पी एम आवास का निर्माण की थी। इन सभी चुनावी वायदों को विष्णु साय सरकार ने सरकार बनते ही पूरा करके मोदी की गारंटी को सही साबित किया। मोदी की गारंटी को पूरा करने का सुखद परिणाम भी लोकसभा चुनाव में सामने आया जिसमें छत्तीसगढ़ में भाजपा 11 में से 10 सीट जीतने में सफल रही थी। छत्तीसगढ़ में विष्णु साय सरकार के पिछले एक वर्ष के कार्यकाल में विकासमूलक कार्यों की उपलब्धियों की एक लंबी फेहरिस्त है जिसमें सड़क, पानी, स्कूल, कॉलेज अस्पताल आदि के लिए स्वीकृत कार्यो और सम्पन्न हुए कार्यों को लिखा जाए तो पूरी एक किताब बन जाएगी। विष्णु साय ने बेरोजगारों को नौकरी दिए जाने का सिलसिला भी शुरू हुआ है जिसके अंतर्गत लगातार भर्तियां की जा रही है। विष्णु साय की सरकार का एक साल का यह आलम है तो फिर यह आसानी से अंदाज लगाया जा सकता है कि उनके बचे हुए चार साल के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ अपने प्रगतिपथ पर आगे बढ़ते हुए विकास का एक नया इतिहास जरूर रचेगा ।
पार्टी के प्रति निष्ठा, समर्पण, कर्मठता और ईमानदारी का प्रतिसाद भाजपा ने विष्णु साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाकर दिया है। बहुत कम लोगों को यह शायद मालूम होगा कि जब 2019 में छत्तीसगढ़ में सिटिंग लोकसभा के सदस्यों की टिकट काटी जा रही है तो इस बाबत सबसे पहले विष्णु साय से ही पूछा गया था तब विष्णु साय ने इसका कोई प्रतिरोध नहीं करते हुए कहा था कि पार्टी हित में जो भी निर्णय किया जाएगा वह उन्हें सहर्ष ही स्वीकार होगा। अविभाजित रायगढ़ जिले के लिए यह बेहद गर्व और सम्मान की बात है उसे दो -दो मुख्यमंत्री देने का सौभाग्य हासिल हुआ है। मध्यप्रदेश के जमाने मे सारंगढ़ के राजा नरेशचंद्र सिंह 1969 में मध्यप्रदेश के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे तो अब कुनकुरी विधायक विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में भाजपा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं। सारंगढ़ अब जिला बन चुका है और कुनकुरी विधानसभा जशपुर जिले में है लेकिन ये सभी रायगढ़ लोकसभा का हिस्सा हैं।
– अनिल पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार रायगढ़