रायगढ़, 29 नवंबर: लारा एनटीपीसी में फ्लाईऐश परिवहन कार्य करने वाले रायगढ़ फ्लाईऐश वेलफेयर एसोसिएशन के 50 से अधिक ट्रांसपोर्टरों ने एनटीपीसी प्रबंधन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा की रायगढ़ फ्लाईऐश वेलफेयर एसोसिएशन में शामिल ट्रांसपोर्टर गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।50 से अधिक ट्रांसपोर्टरों के पास 400 से अधिक वाहन हैं, लेकिन लगातार घटते भाड़े और प्रबंधन की उपेक्षा ने उनकी स्थिति को अत्यंत दयनीय बना दिया है। मौजूदा हालात में गाड़ियों की किस्त चुकाना तो दूर, उनके संचालन का खर्च भी निकाल पाना असंभव हो गया है। एनटीपीसी प्रबंधन पर बाहरी गाड़ियों को प्राथमिकता देने और स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए संगठन ने 1 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की उपेक्षा से नाराजगी
रायगढ़ फ्लाईऐश वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू गुप्ता ने कहा, “भाड़े में लगातार कमी के कारण ट्रांसपोर्टरों की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। गाड़ियां किस्त पर ली गई हैं और फ्लाई ऐश परिवहन से मिलने वाले भाड़े से ही परिवार का पालन-पोषण होता है। लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि गाड़ी का खर्च भी नहीं निकल रहा। मानसिक तनाव और रोजी-रोटी के संकट से गुजर रहे ट्रांसपोर्टरों को एनटीपीसी प्रबंधन की अनदेखी ने सड़क पर लाने की स्थिति में पहुंचा दिया है। मजबूरी में हमें हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है।”
“सौतेला व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं”
एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष करन चौधरी ने एनटीपीसी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को साइडलाइन कर बाहरी ट्रांसपोर्टरों को तवज्जो दी जा रही है। यह सौतेला व्यवहार हमारे लिए असहनीय है। प्रबंधन की यह नीति 50 से अधिक ट्रांसपोर्टरों और उनके परिवारों के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर रही है। हमने इस विषय पर वित्त मंत्री और रायगढ़ विधायक ओ.पी. चौधरी के साथ ही जिला प्रशासन को भी पत्र लिखकर अवगत कराया है।
मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा
ट्रांसपोर्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक एनटीपीसी प्रबंधन स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को प्राथमिकता नहीं देता और किराए में बढ़ोतरी नहीं करता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस हड़ताल से एनटीपीसी के कार्यों पर व्यापक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी एनटीपीसी की
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर इस गंभीर संकट का समाधान नहीं हुआ, तो 1 दिसंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी एनटीपीसी प्रबंधन और जिला प्रशासन की होगी। ट्रांसपोर्टरों ने प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस गंभीर स्थिति पर तुरंत ध्यान देने की अपील की है, ताकि 50 से अधिक परिवारों के सामने उत्पन्न इस संकट का समाधान निकाला जा सके।