इससे पहले प्रवचन समाप्त करने के बाद मोरारी बापू संयुक्त राष्ट्र महासभा में गए। वहां उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस रामायण रखी और वैदिक स्तोत्र का पाठ किया। उन्होंने “वसुधैव कुटुम्बकम” का जाप किया। इसके बाद ‘जय सिया राम’ से सभी का अभिवादन किया।
नौ दिवसीय राम कथा के दौरान मोरारी बापू ने संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे. मोहम्मद से भी मुलाकात की। इस दौरान महासचिव ने कहा, “हालांकि आपने पहले संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भवन की परिक्रमा की थी, लेकिन अब आप इसके हृदय में हैं।” उन्होंने कहा कि, इस आयोजन से 17 सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों को शक्ति मिल रही है।
न्यूयॉर्क में नौ दिवसीय राम कथा के शुरू होने से पहले मोरारी बापू ने कहा था कि “संयुक्त राष्ट्र में राम कथा का पाठ ईश्वरीय कृपा है और वैश्विक सद्भाव की दिशा में एक कदम है।” यह पहली बार है कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राम कथा का आयोजन किया जा रहा है और यह एक सपने के सच होने जैसा है।
उन्होंने कहा कि “हमें तनाव और प्रतिस्पर्धा से उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से निपटना चाहिए। अच्छा संचार या सत्संग मानसिक तनाव के लिए एक शक्तिशाली उपचार है। राम कथा इन शिक्षाओं पर प्रकाश डालेगी, जो सामंजस्यपूर्ण और संतुलित जीवन की वकालत करती है।” यह आयोजन रामायण के संदेश को विश्व स्तर पर फैलाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।