महात्मा गाँधी महाविद्यालय खरसिया के हिंदी विभाग में हिंदी दिवस सम्पन्न

  • जो अन्याय के विरोध में खड़ा है, वही युवा है – विनोद चन्द्र सिंह राठौर
  • उमा, रीना, यामिनी, रतिराम ने छात्रों को संबोधित किया

14 सितम्बर को अवकाश होने के कारण दिनांक 16 सितम्बर 2025 को शासकीय महात्मा गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया के हिन्दी विभाग में हिंदी दिवस मनाया गया. वरिष्ठ कवि व किसानों के कवि विनोद चन्द्र सिंह राठौर जी के मुख्य आतिथ्य, विभागाध्यक्ष हिंदी डॉ रमेश टंडन की अध्यक्षता में संपन्न कार्यक्रम का मंच सञ्चालन विभागीय शिक्षक डॉ डायमंड साहू ने किया. अतिथि के रूप में आमंत्रित पूर्व छात्रा यामिनी राठौर के द्वारा शारदे वंदना के गायन एवं मंचीय अतिथि तथा विभागीय प्राध्यापकों के द्वारा संगीत और वाणी की देवी माँ शारदे की पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. अतिथि स्वागत उपरांत छात्र वक्ता के रूप में हिंदी साहित्य परिषद् अध्यक्ष उमा साहू, सचिव रीना साहू, छत्तीसगढ़ी साहित्य परिषद् सचिव रतिराम भारद्वाज तथा हिंदी में नेट उत्तीर्ण पूर्व छात्रा यामिनी राठौर ने उद्बोधन के दौरान दिवस की महत्ता पर मुखरित होकर हिंदी कविताओं का वाचन किया.

मुख्य अतिथि विनोद चन्द्र सिंह राठौर जी ने भ्रष्टाचार के विरोध में अपनी बात रखते हुए कहा कि जो अन्याय के विरोध में आवाज उठाते हैं वे बूढ़े होकर भी युवा हैं और जो अन्याय का विरोध नहीं करते वे युवा होकर भी बूढ़े हैं. इन्होंने अपने काव्य संग्रह गुलदस्ता के बारे में भी कहा. प्रकाशनाधीन काव्य संग्रह जो सच के साथ नामक हो सकता है, की कुछ कविताओं को सस्वर प्रस्तुत भी किए. किसानों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की. विभाग की प्रोफेसर अंजना शास्त्री ने अपने वक्तव्य के दौरान हिंदी के विकास पर सारगर्भित और विस्तृत जानकारी देते हुए पाली को बौद्धों और प्राकृत को जैन साहित्य की भाषा कहा. संयोजक डॉ आर के टंडन ने हिंदी को विश्व भाषा परिवार के यूरेशिया से भारोपीय से वैदिक संस्कृत से लौकिक संस्कृत से पाली से प्राकृत से शौरशेनी अपभ्रंश से पश्चिमी हिंदी से खड़ी बोली के रूप में क्रम से विभाजित होते हुए विकसीत बताया. डॉ डायमंड साहू ने भी हिंदी की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला.

ईशा राठिया के आभार में संपन्न हिंदी दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि को विभाग की तरफ से उमा और रीना के द्वारा श्रीफल व लेखनी से सम्मानित किया गया. उमा साहू, रीना साहू, ईशा राठिया, चांदनी सिदार, ज्योति कर्ष, दुर्गेश पटेल, रतिराम भारद्वाज, राहुल दास, अंजली सिदार के विशेष सहयोग के साथ विभाग के छात्र नर्मदा राठिया, निशा सिदार, कुन्ती, धनराज चंद्रा, पुष्पेन्द्र राठिया, प्रीति राठिया, तानिया राठौर, आकांक्षा राठौर, टंकेश्वरी राठिया, मोनिका राठौर, विवेक साहू, काजल राठिया, रुकमनी राठिया, भोलादास, जीतू जोशी, सोनू कुमार बंजारे, विकास टंडन, शांति भारद्वाज, किशन कुमार, राम कुमार, ज्योत्सना, भारती निषाद, प्रिया चंद्रा, सुनिता राठिया, पुष्पा नागवंशी, पूर्व छात्रा यामिनी राठौर, कविता चंद्रा तथा प्रोफेसर कुसुम चौहान ने हिंदी के सभी वक्ताओं को ध्यान से सुना.