
छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें तलब करते हुए समन भेजा है। शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के सिलसिले में उन्हें बुलाया गया है।

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें तलब करते हुए समन भेजा है। शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के सिलसिले में उन्हें बुलाया गया है। माना जा रहा है कि वे एजेंसी के सामने पेश हो सकते हैं। उनसे घोटाले को लेकर पूछताछ की जा सकती है। चैतन्य को केंद्रीय एजेंसी के रायपुर कार्यालय में तलब किया गया है। वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम ने एजेंसी का नोटिस मिलने से इनकार किया है।
नहीं मिला कोई नोटिस
ईडी द्वारा बेटे चैतन्य बघेल को कथित तौर पर तलब किए जाने पर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, ‘कोई नोटिस नहीं मिला है, इसलिए कहीं भी पेश होने का सवाल ही नहीं है। नोटिस मिलने पर हम निश्चित रूप से उनके सामने पेश होंगे। अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। ईडी का काम जानबूझकर मीडिया में सनसनी फैलाना है। एजेंसियों का इस्तेमाल दूसरे व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए किया जाता है। उन्होंने अब तक यही किया है। यह नेताओं को बदनाम करने की भाजपा की साजिश है।’
10 मार्च को हुई थी ईडी रेड
10 मार्च को ईडी ने उनके आवास पर रेड मारी थी। इस दौरान उन्हें कैश सहित कई दस्तावेज मिले थे। ईडी ने दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें भूपेश बघेल और उनके बेटे के परिसर भी शामिल थे। आठ घंटे तक चली छापेमारी के दौरान, एजेंसी और सीआरपीएफ की एक टीम ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, दस्तावेज और लगभग 30 लाख रुपये जब्त किए। पूर्व सीएम के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और अन्य के परिसरों की भी तलाशी ली गई। भिलाई के जिस आवास पर ईडी ने छापा मारा था, उसमें चैतन्य अपने पिता के साथ रहते हैं।
ईडी ने पूर्व में कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में गई। ईडी ने इस मामले में राज्य सरकार के नौकरशाहों और व्यापारियों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच किया गया था और तब छत्तीसगढ़ में बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।
इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था। जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
