
अब जब माओवादी संगठन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और इसके कार्यकर्ता अव्यवस्थित कमान और नियंत्रण की वजह से बिखर चुके हैं। एक अधिकारी ने कहा कि दिनेश का खूनी अतीत उसे परेशान करने लगा है और उसे डर है कि उसके अपने ही लोग उसे मार देंगे। दिनेश के आत्मसमर्पण को माओवादियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, लेकिन इसने छत्तीसगढ़ प्रशासन को असमंजस में डाल दिया है।
दो से तीन नक्सलियों को गोली लगने की संभावना
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में चलाए जा रहे माओवादी विरोधी अभियान के तहत सोमवार को ग्राम मांदागिरी के जंगल में हुई मुठभेड़ में कम से कम दो से तीन नक्सलियों को गोली लगने की संभावना है। प्रतिबंधित माओवादी की उपस्थिति की सूचना पर डीआरजी की 25-30 की संख्या में टीम माओवादी विरोधी अभियान पर निकली थी।
सर्च अभियान के दौरान मांदागिरी के जंगल व पहाड़ियों में पुलिस एवं माओवादियों के बीच में आधे घंटे तक मुठभेड़ हुई। इसमें प्रतिबंधित सशस्त्र माओवादियों द्वारा स्वचालित हथियारों से पहले पुलिस पार्टी पर फायरिंग की गयी, जिसके जवाब में डीआरजी टीम ने भी पेड़ों की आड़ लेकर आत्मसुरक्षार्थ नक्सलियों पर फायरिंग की। रुक-रुक कर लगभग आधा घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी होती रही जिसमें लगभग दो से तीन नक्सली को गोली लगने की संभावना है।

