
रायगढ़। शहर की एक बेटी ने डॉक्टर बन कर न केवल अपने पिता के सपनों को पंख देकर पूरा किया है बल्कि अपने गृह नगर में ही पीड़ित काया का उपचार करने का निर्णय लेकर पिता के समाजसेवा की विरासत को भी आगे बढ़ाया है।वह भी उस समय जब देश को सबसे ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है। नगर के प्रखर समाजसेवी मंजुल दीक्षित और उनके परिवार के लिए 16 जनवरी का दिन अविस्मरणीय बन गया, जब उनकी लाडली बेटी कु. सृष्टि दीक्षित ने बीएचएमएस की डिग्री पूरी करने के बाद शहर के रामभांठा क्षेत्र में ‘डॉक्टर दीक्षित हेल्थ केयर एंड मल्टी स्पेशल क्लिनिक’ की शुरुआत की। इस क्लिनिक का उद्घाटन डॉ. सृष्टि की दादी और मंजुल दीक्षित की माताजी ने रिबन काटकर किया।
इस अवसर पर नगर के कई प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने डॉ. सृष्टि को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं। डॉ. सृष्टि दीक्षित ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपने शहर में लौटकर रामभांटा रोड पुराना बसस्टैंड के समीप इस क्लिनिक का उद्घाटन किया, जिससे अब शहरवासियों को उच्च गुणवत्ता वाली आयुर्वेद और होमियोपैथी चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होंगी। यह क्लिनिक रामभांठा सहित पूरे नगर के लिए एक वरदान साबित होगा।
अपने पिता के सपने को साकार करते हुए डॉ. सृष्टि दीक्षित ने समाजसेवा की धारा को आगे बढ़ाया है। इस क्लिनिक की स्थापना से उनके नगरवासियों को अपने घर के पास ही सुलभ, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी, जो पहले कभी उनकी पहुंच से बाहर थी। गुरुवार को सुबह 12 बजे इस क्लिनिक के उद्घाटन समारोह में नगर की तमाम गणमान्य हस्तियों ने डॉ. सृष्टि दीक्षित को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर डॉ. सृष्टि के पिता, मंजुल दीक्षित ने अपनी बेटी की सफलता को ईश्वर की कृपा, बाबा सत्यनारायण जी का आशीर्वाद और अपनी माताजी की प्रेरणा का परिणाम बताया। वहीं, उनकी दूसरी बेटी कु. मिताक्षरा भी मेधावी है और एलएलबी की पढ़ाई कर रही है, जो परिवार में शिक्षा और समाज सेवा की परंपरा को बनाए रखने में मददगार है।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत
डॉ. सृष्टि दीक्षित का यह प्रयास नए जमाने की पीढ़ी के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करता है। उनका कार्य उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने व्यक्तिगत और समाजिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं। इस कदम के माध्यम से उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि अपने समुदाय की सेवा करना और समाज के लिए कुछ करना सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।

