एक्टविस्ट ने छत्तीसगढ़ में हुई मुठभेड़ फर्जी बताई, 5 ग्रामीणों के एनकाउंटर का लगाया आरोप

बीते सप्ताह छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में सात संदिग्ध माओवादियों को मार गिराया गया था। इस घटना पर गांव वालों और एक्टिविस्ट ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मारे गए सात में से पांच ग्रामीण थे।

Ratan Gupta हिन्दुस्तान टाइम्स, रायपुरWed, 18 Dec 2024 07:00 PM
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बीते सप्ताह छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में मुठभेड़ में सात संदिग्ध माओवादियों को मार गिराया गया था। इस घटना पर गांव वालों और एक्टिविस्ट(कार्यकर्ताओं) ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मारे गए सात में से पांच ग्रामीण थे। आरोप लगाया गया है कि इस मुठभेड़ में चार बच्चे भी घायल हुए हैं। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इंकार किया है।

माओवादियों ने बच्चों को बनाया मानव ढ़ाल

इन आरोपों पर पुलिस का कहना है कि मारे गए लोग ग्रामीण नही थे। माओवादियों ने 11 दिसंबर को हुई मुठभेड़ के दौरान इन बच्चों का इस्तेमाल खुद को बचाने के लिए ह्यूमन शील्ड (मानव ढ़ाल) के तौर पर किया था। 14 दिसंबर को दंतेवाड़ा स्थित आदिवासी अधिकारों से जुड़े कार्यकर्ता सोनी सोरी ने गांव का दौरा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि मारे गए सात में से पांच लोग आसपास की बस्तियों के ग्रामीण थे।

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जवानों ने हिरासत में लेकर मारी गोली

गांव वालों के अनुसार जिला रिजर्व गार्ड के जवान 11 दिसंबर को सुबह करीब 8-9 बजे गांव में आए। उस समय गांव के लोग खेतों में काम कर रहे थे। गांव वालों ने आरोप लगाया कि लोगों को पकड़ा गया और बिना किसी गोलीबारी के उन्हें एक-एक कर मार दिया गया। सोरी ने यह भी आरोप लगाया कि जंगल में पकड़े गए माओवादियों को हिरासत में लेने के बाद गोली से मार दिया गया।

तीन दिन तक बच्चों को नहीं मिली मेडिकल सुविधा

कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मुठभेड़ में जो चार बच्चे घायल हुए हैं, उन्हें मुठभेड़ के बाद तीन दिनों तक मेडिकल मदद नहीं मिल सकी। हालांकि अब इनका इलाज रायपुर, जगदलपुर और दंतेवाड़ा अस्पताल में चल रहा है। घायल हुए बच्चों में कुम्मम गांव की 13 साल की लड़की है, जिसके गर्दन में गोली के छर्रे लगे हैं। नौ साल के लड़के को सिर में चोट है। 12 साल के लड़के के नितंब घायल हैं, इसी बच्चे के पिता की हत्या कर दी गई है। बाकी एक 13 साल का लड़का है, जिसके हाथ और पैर में चोट है।

मुठभेड़ में घायल कुम्माम गांव की 13 साल की लड़की के पिता विज्जा ने बताया मैं खेत में काम कर रहा था, तभी फायरिंग शुरू हो गई। मैं दोड़कर रसोई घर में भागा, तभी वह आई और उसने गोली के घाव को दिखाया। दो दिन बाद सोरी आई ओर हमने लड़की को दंतेवाड़ा ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर कर दिया।

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