छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार को पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से तीन पर कुल 11 लाख रुपए का इनाम घोषित था। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया।
यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए जा रहे अत्याचार और खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हो गए थे। उन्होंने बताया कि वह राज्य सरकार की ‘नियद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं, जिसका उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुगम बनाना है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से एक संतु कोड़मे माओवादियों की PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर दो का सक्रिय सदस्य था। कोड़मे पर आठ लाख रुपए का इनाम घोषित था।
उन्होंने बताया कि कोड़मे 2013 से प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा था और 2017 में मिनपा (सुकमा) सहित सुरक्षाबलों पर कई हमलों में कथित रूप से शामिल था। मिनपा नक्सली हमले में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। वह 2020 में नड़पल्ली गांव में हुए नक्सली हमले में भी शामिल था। इस हमले में तीन जवान शहीद हुए थे।
यादव ने कहा कि दो अन्य कैडर गंगालूर एरिया कमेटी के सदस्य पायकू पुनेम और माओवादियों के पदेड़ा ‘जनता सरकार’ दस्ते के प्रमुख गुड्डू हपका पर क्रमशः दो लाख रुपए और एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।
उन्होंने बताया कि पुनेम कथित रूप से तीन माओवादी घटनाओं में शामिल था, जिसमें 2020 में पीडिया गांव (बीजापुर) में चार ग्रामीणों की हत्या की घटना भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि दो अन्य नक्सली सोमारू माड़वी और भीमा कश्यप है। दोनों क्रमशः 2023 और 2021 में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुए थे।
यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपए की सहायता दी गई है तथा सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस आत्मसमर्पण के साथ ही इस साल अब तक जिले में 189 नक्सली हिंसा छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, इसी अवधि के दौरान जिले में 473 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।