कोयलांचल नगरी कोरबा जमनीपाली (लाटा) में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ हुआ कथा विश्राम

  • पं. दीपक कृष्ण महाराज जी की के सानिध्य में आगामी कथा कोरबा के अण्डी कछार में 07 से 15 दिसंबर 2024 तक आयोजित होगी

कोरबा :- जमनीपाली (लाटा) में चंद्रा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। खरसिया (घघरा) से पधारे कथा वाचक पं. दीपक कृष्ण महाराज ने भागवत कथा के अंतिम दिन कई प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। इसमें ऊषा चरित्र, नृग चरित्र, वासुदेव नारद संवाद, सुदामा चरित्र प्रसंग, परीक्षित मोक्ष की कथा का बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया। भक्तमाल चरित्र में भक्त प्रहलाद व भक्त ध्रुव का प्रसंग सुनाते हुए निश्चल व निर्मल भक्ति करने का आह्वान किया।

कथा के अंतिम दिन सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई, श्रीमद् भागवत भागवत कथा का पूर्णता प्रदान करते हुए विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए के बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा। उन्होंने व्रत उपासना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोई ईश्वर किसी से भूखे पेट रहकर भक्ति करने को नहीं कहते हैं। मन पर नियंत्रण और नाम जाप ही इस जगत में पार लगाने के लिए काफी है।

उन्होंने गो सेवा कार्य करने पर जोर दिया,सुदामा की मनमोहक झांकियो का चित्रण किया गया जिसे देखकर हर कोई भाव विभोर हो उठा। अंत में कृष्ण के दिव्य लोक पहुंचने का वर्णन किया। महाआरती के बाद महाभोग भण्डारे का वितरण किया गया। इससे पूर्व वेद मंत्रोच्चारण के मध्य हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। दूर दूर से आए भक्तों द्वारा भागवत कथा के समापन पर हवन यज्ञ में पूर्णाहुति दी गई। इसी के साथ भागवत कथा का विश्राम हो गया।

महाराज जी की आगामी कथा कोरबा के ही अण्डी कछार में दिनांक 07 दिसंबर से 15 दिसंबर 2024 तक आयोजित होना है।