रायगढ़। औद्योगिक प्रदूषण की चपेट में घिरा रायगढ़ अब एक और प्रदूषणकारी उद्योग के विस्तार की तैयारी कर रहा है। 23 दिसंबर 2024 को मेसर्स प्रिस्मो स्टील्स एंड पावर लिमिटेड के विस्तार के लिए जनसुनवाई आयोजित की गई है। यह सुनवाई घरघोड़ा तहसील के ग्राम तराईमाल में सुबह 11 बजे होगी। इस प्रस्तावित विस्तार के कारण स्थानीय पर्यावरण और जनजीवन पर गंभीर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
प्रदूषण का गढ़ बनता पूंजीपथरा
पूंजीपथरा क्षेत्र, जो पहले से ही प्रदूषणकारी उद्योगों के दबाव में है, अब और अधिक प्रदूषण झेलने के लिए मजबूर होता दिख रहा है। इस क्षेत्र को देश के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक माना जाता है। इसके बावजूद, प्रिस्मो स्टील्स एंड पावर लिमिटेड के विस्तार को मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
फर्जी रिपोर्ट और सीएसआर की अनदेखी
पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) की रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह रिपोर्ट वास्तविक स्थिति को छिपाती है। कंपनी ने अब तक स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने या कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत किसी भी प्रभावित गांव में कोई ठोस विकास कार्य नहीं किया है। तराईमाल, भुईकुर्री, गदगांव, सराईपाली, आमाघाट, भालुमार, राबो, अमलीडिह, सामारुमा, छर्राटांगर, और तुमीडीह जैसे गांव इस प्लांट के प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं।
ग्रामीणों में भारी आक्रोश
स्थानीय ग्रामीण इस विस्तार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनी ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है। इसके साथ ही, सीएसआर मद का उपयोग न होने और रोजगार के वादे पूरे न होने से उनका आक्रोश और बढ़ गया है। आगामी जनसुनवाई में भारी विरोध की संभावना जताई जा रही है।
क्या उठाएंगे अधिकारी सही कदम?
पर्यावरण प्रेमियों और अधिकारियों के लिए यह बड़ा सवाल है कि वे इस प्रदूषणकारी प्लांट के विस्तार को लेकर क्या रुख अपनाएंगे। क्या वे पर्यावरण संरक्षण और जनता के हित में कदम उठाएंगे, या इस विनाशकारी विस्तार को हरी झंडी देंगे?
जनसुनवाई पर टिकी नजरें
23 दिसंबर को होने वाली जनसुनवाई उद्योग के आसपास बसे गांवो के पर्यावरणीय भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग ग्रामीणों के विरोध और पर्यावरणीय नुकसान को लेकर क्या फैसला लेते हैं।