खुद को बताया कुंवारा बताकर युवती से दुष्कर्म, मुल्जिम को दस साल की सजा 

रायगढ़। खुद को कुंवारा बताते हुए युवती को प्रेमजाल में फांस कर शादी का झांसा देते हुए उसकी अस्मत के साथ खिलवाड़ करने वाले धोखेबाज आशिक को न्यायालय ने दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच हजार रूपए के अर्थदण्ड  से भी दण्डित किया है।  उक्त वाकया कोतवाली क्षेत्र का है। इस संबंध में न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में छातामुड़ा नाका निवासी भुवनेश्वर साहू पिता शौकीलाल साहू शहर के एक डेन्टल क्लिनिक में बिजली का काम करने गया था जहां क्लिनिक में काम करने वाली युवती से उसकी पहचान होने पर उसने युवती का मोबाईल नंबर ले लिया और उससे बात करता था।

इस दौरान भुवनेश्वर ने स्वयं को कुंवारा होना और पढ़ाई करना बताते हुए युवती शादी करने का प्रस्ताव रखा। उनके बीच प्रेम संबध स्थापित होने के कारण युवती ने अपनी रजामंदी दे दी। इस पर भुवनेश्वर ने उसके साथ विवाह कर लेने का नोटरी के समक्ष शपथ पत्र बनवा कर किराये के मकान में रखा था। वहीं युवती के गर्भवती होने पर उसने कहा कि अपने घर चली जाओ मैं अपने घर में हमारी शादी के लिए बात कर लिया हूं और समाज में बात करने के बाद विधिवत विवाह कर अपने घर ले जाउंगा । युवती अपने घर आ कर रहने लगी इस बीच उसने बच्चे को जन्म दिया।

वहीं भुवनेश्वर भी उससे मिलने आता रहता था। वहीं 22 जुन  2020 को भुवनेश्वर की पत्नी ने युवती को फोन कर बताया कि वह उसकी पत्नी है तथा हमारे दो बच्चे भी हैं। इस बात का भेद खुलने पर उनमें आपस में विवाद हो गया और भुवनेश्वर ने युवती तथा उसके बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया। धोखेबाज आशिक की बातों में आकर अपना सब कुछ लुटा चुकी पीडि़ता ने इस सबंध में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने पीडि़ता की रिपोर्ट पर आरोपी भुवनेश्वर साहू के विरूद्ध भादवि की धारा 376 (एन) के तहत जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।

वहीं फास्टट्रेक कोर्ट में उभय पक्ष की सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश जगदीश राम ने भुवनेश्वर साहू को पीडि़ता के साथ विधिवत विवाह न करते हुए उसे अपने नियंत्रण एवं प्रभाव में रख कर शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में दोषी पाया। वहीं आरोपी भुवनेश्वर साहू को इस अपराध के लिए दस वर्ष के सश्रम करावास एवं पांच हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी अपर लोक अभियोजक हरिलाल पटेल ने की।