औद्योगिक विकास के नाम पर फिर विनाश की तैयारी ! सांस लेने लायक नहीं रहे क्षेत्र में औद्योगिक विस्तार के लिए आयोजित होगी जनसुनवाई, क्षमता विस्तार से बढ़ेगा प्रदूषण ! सिस्टम और शासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश ! 

रायगढ़। औद्योगिक विकास के नाम पर विनाश की मार झेल रहे रायगढ़ वासियों के लिए प्रदूषण से नाता खत्म होता नहीं दिख रहा है। एक ओर जिले वासियों के द्वारा औद्योगिक विस्तार का विरोध किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन औद्योगिक विस्तार के लिए जनसुनवाईयां करवा रही है। कंपनी अपने मुनाफे के लिए लगातार विस्तारण की नीति अपना रही है, तो दूसरी ओर क्षेत्रीय लोग प्रदूषण,दुर्घटना व अन्य कई समस्याओं से जूझते जा रहे हैं।

जिले के पूंजीपथरा और तमनार क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि क्षेत्र का वातावरण सांस लेने लायक नहीं रह गया है। लेकिन औद्योगिक विकास के नाम पर लगातार कंपनियां विस्तृत हो रही है। जिससे व्यापक स्तर पर लगातार पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता चला जा रहा है। देखा जाए तो अब जिले में प्रदूषण का स्तर कम होने वाला नहीं है, क्योंकि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार औद्योगिक विस्तार हो रहा है। आगामी कुछ दिनों में 2 उद्योगों के विस्तार के लिए जनसुनवाई भी होने वाली है।

23 और 24 अक्टूबर को क्षमता विस्तार के लिए फिर जनसुनवाई
आगामी 23 अक्टूबर को शिवपुरी स्थित एन आर आयरन एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्षमता विस्तार के जनसुनवाई की तिथि नियत की गई है। वही 24 अक्टूबर को पाली एवं देलारी में स्थित मेसर्स मां काली अलायज उद्योग प्राइवेट लिमिटेड अपने स्टील प्लांट के विस्तार की योजना बना रही है। इस विस्तार में स्पॉन्ज आयरन उत्पादन की क्षमता 60,000 TPA से बढ़ाकर 4,06,500 TPA की जाएगी। इसके साथ ही, WHRB आधारित पावर प्लांट की क्षमता 4 MW से 34 MW, FBC आधारित पावर प्लांट की क्षमता 4 MW से 24 MW, और इंडक्शन फर्नेस के माध्यम से हॉट बिलेट्स/एमएस बिलेट्स/इंगॉट्स की उत्पादन क्षमता 56,000 TPA से बढ़ाकर 3,72,800 TPA की जाएगी।

क्षमता विस्तार से बढ़ेगा प्रदूषण
प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि वे पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। रायगढ़ इस्पात कंपनी का विस्तार होने से क्षेत्र में प्रदूषण की मात्रा और बढ़ जाएगी। लोगों का कहना है कि वह क्षेत्र में और कंपनी या कंपनी का विस्तार कदापि नहीं चाहते हैं। लेकिन उनकी बातों को शासन प्रशासन नहीं समझ रहे हैं।

क्षेत्र में पहले से स्थापित है कई उद्योग
पूंजीपथरा, गेरवानी, सरायपाली क्षेत्र में कई छोटी-बड़ी कंपनियां स्थापित है। जिससे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग सांस और त्वचा संबंधित कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों के द्वारा प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए कई बार गुहार भी लगाई गई है। क्षेत्र में कंपनी विस्तार को लेकर कई बार विरोध भी जताया गया है, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर लगातार कंपनियां स्थापित की जा रही है। और पहले से स्थापित उद्योगों का विस्तारण भी किया जा रहा है।जिससे क्षेत्रीय लोगों में शासन- प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।