बर्रा ‘कोल ब्लॉक’ के आश्रित गांवों की सुनवाई लंबित, ग्रामीणों ने दी हड़ताल की चेतावनी

खरसिया। रायगढ़ जिले के खरसिया तहसील के अंतर्गत आने वाले बर्रा, जोबी, और कुरु गांवों के ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक से जुड़ी समस्याओं को लेकर हड़ताल और चक्का जाम की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में उनकी समस्याओं की सुनवाई का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है, जिससे उनमें रोष व्याप्त है।

मामले का विवरण
ग्राम मुरा में 28 सितंबर 2024 को आयोजित जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में बर्रा ‘कोल ब्लॉक’ के अंतर्गत आने वाले आश्रित गांवों के लोगों ने अपनी समस्याओं को जिला प्रशासन के समक्ष रखा था। ग्रामीणों ने शिविर में स्पष्ट रूप से बताया था कि उन्हें कोल ब्लॉक से जुड़ी जानकारी और उसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंताएं हैं, जिनका निवारण करने के लिए खनिज विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों से चर्चा की आवश्यकता है।

इस शिविर में प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान और जानकारी दी जाएगी। इसके तहत खनिज विभाग, राजस्व विभाग, और जिला प्रशासन से समन्वय कर ग्रामीणों को सूचित किया जाना था, लेकिन 17 अक्टूबर 2024 तक किसी भी प्रकार की सूचना न मिलने पर अब ग्रामीणों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

आक्रोशित ग्रामीणों ने दी हड़ताल की चेतावनी
सूचना की अनुपलब्धता और प्रशासन की चुप्पी को लेकर ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे हड़ताल और चक्का जाम करने के लिए बाध्य होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि जिला प्रशासन उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेगा और समय पर आवश्यक कदम उठाएगा। लेकिन अब तक कोई आधिकारिक जानकारी न मिलने से उनकी निराशा और चिंता बढ़ गई है।

प्रशासन से जल्द समाधान की अपील
इस संदर्भ में ग्रामीणों ने खरसिया के अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखकर अपनी स्थिति से अवगत कराया है। पत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया है कि शिविर में किए गए वादे के बावजूद खनिज विभाग और राजस्व विभाग की ओर से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। इस कारण, ग्रामीणों को अपने भविष्य की सुरक्षा को लेकर गंभीर शंकाएं हैं, खासकर जब यह मामला ‘कोल ब्लॉक’ से संबंधित है, जिसका सीधा असर उनके गांवों और पर्यावरण पर पड़ सकता है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी समस्याओं का निवारण शीघ्र किया जाए और उन्हें जल्द से जल्द सूचित किया जाए, ताकि वे अनिश्चितता की स्थिति से बाहर निकल सकें। पत्र की प्रतिलिपि तहसीलदार खरसिया, नायब तहसीलदार खरसिया, टी.आई. खरसिया, और खनिज विभाग के अधिकारियों को भी भेजी गई है, ताकि सभी संबंधित विभाग इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई कर सकें।