ब्रह्मा कुमारी बहनों ने धुमधाम से मनाया रक्षाबंधन का त्यौहार

  • प्रत्येक सोमवार को अग्रसेन भवन में होता है धार्मिक प्रवचन का आयोजन

खरसिया। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय खरसिया की बहनों द्वारा श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को अग्रसेन भवन में ओम शांति प्रवचन और जीवन में सुख शांति और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उपाय बताने के साथ ही हम सबके परमपिता परमेश्वर भगवान शिव के संबंध में उपदेश देते हुए समझाया जाता है आज सोमवार के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया गया ब्रह्मकुमारी बहनों द्वारा उपस्थित सभी भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधकर सभी बहनों की रक्षा करने का वचन लिया। इससे एक दिन पूर्व ब्रह्मकुमारी बहनों द्वारा श्री किशन सुल्तानिया के माध्यम से खरसिया नगर के घर-घर में रक्षा सूत्र राखी कुमकुम चावल पहुंचाएं गए थे ताकि जो भाई कार्यक्रम में ना पहुंच सके वह ब्रह्मकुमारी बहनों द्वारा भेजी गई राखियां अपनी कलाइयों पर बांध सके। कार्यक्रम का संचालन किशन सुल्तानिया एवं शिव अग्रवाल द्वारा किया गया

ब्रह्माकुमारी ने अपने उपदेश में कहा कि शरीर पांच तत्वों से निर्मित है। तो इसे हील करने के लिए दवाईयों की नहीं मूल्यों की जरूरत है। ऋषि-मुनि, तपस्वियों के पास ऐसा कोई वैद्य नहीं होता था, ऐसी कोई मेडिसिन नहीं होती थी जिससे वो अपने आपको ठीक कर सकें। लेकिन उनके अन्दर वो गुण और शक्तियां थी जिस के द्वारा शरीर अपने आप हील हो जाता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारा शरीर ही मूल्यों को मानता है। जैसे एक उदाहरण है, कहा जाता है कि शरीर में जो-जो रोग होते हैं उन रोगों का कारण हमारे विचार होते हैं। और उसको डॉक्टर्स आज बोल ही रहे हैं साइकोसोमेटिक डिजीज बहुत ज़्यादा होती हैं। तो जो विचार हैं वो विचार हमारे आपने एक-एक तंत्र को प्रभावित करते हैं। इसे ठीक करने के लिए हैं मन और बुद्धि। मन और बुद्धि का मतलब अगर हमारा मन डर गया तो उसको ठीक करने के लिए ज्ञान चाहिए, शक्ति चाहिए। ज्ञान की शक्ति, नॉलेज की पॉवर।

अब बुद्धि के लिए हमको क्रियेटिविटी चाहिए। रचनात्मकता चाहिए। बुद्धि आलसी हो गई और मन डर गया तो ये दो चीजें भी इसके साथ काम करती हैं, तो ये सातों गुण अगर हम आत्मा में विकसित कर लें, अपने अन्दर विकसित कर लें तो ये सारे रोग और पूरा शरीर बिल्कुल स्वस्थ हो जायेगा। सात रंगों को एक अनुपात में जोड़ दो तो वह सफेद रंग में बदल जाएगा। ये सफेद रंग पूरी बॉडी को एक एंजेलिक स्टेज में ले जाता है। तो जब तक ये सातों गुण हमारे अन्दर नहीं आयेंगे तब तक बॉडी की सातों चीजें मन, बुद्धि और पांचों तत्व ठीक नहीं होंगे। इसलिए थोड़ा-सा जागृत होकर इन गुणों को विकसित करें न कि दवाईयों परफोकस करें।