छत्तीसगढ़ के 13 गांवों में पहली बार फहराएगा तिरंगा, जानिए पिछले 77 साल तक क्यों नहीं हो सका ऐसा?

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 13 गांवों में गुरुवार 15 अगस्त को आजादी के बाद पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले सात महीनों में इन गांवों में सुरक्षा बलों के नए शिविरों की स्थापना के बाद नक्सलियों की पकड़ खत्म हुई है और क्षेत्र में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि गुरुवार को नेरलीघाट (दंतेवाड़ा जिला), पानीडोबीर (कांकेर), गुंडम, पुतकेल और छुटवाही (बीजापुर), कस्तूरमेटा, मसपुर, इराकभट्टी और मोहंदी (नारायणपुर), टेकलगुडेम, पुवर्ती, लाखापाल और पुलनपाड़ (सुकमा) गांवों में तिरंगा फहराया जाएगा। इन गावों में इससे पहले कभी ऐसा आयोजन नहीं हुआ है।

सुंदरराज ने बताया कि पिछले गणतंत्र दिवस के बाद इन स्थानों पर सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए थे। नए शिविरों की स्थापना के बाद क्षेत्र को नई पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि शिविर शांतिपूर्ण और समृद्ध बस्तर के निर्माण में युवा और वृद्धों के लिए आशा की किरण के रूप में कार्य करेंगे। शिविर लोगों, मुख्य रूप से आदिवासियों तक सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने में मदद कर रहे हैं तथा क्षेत्रों के विकास का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं।

इस बीच, राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों में तैयारियां पूरी कर ली है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार की सुबह रायपुर के पुलिस परेड मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव बिलासपुर में, विजय शर्मा जगदलपुर (बस्तर जिले का मुख्यालय) में तथा केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि अन्य मंत्री और विधायक राज्य में विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए राज्य में विशेष रूप से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।