नई दिल्ली:
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने 15 जुलाई से दिल्ली में सार्वजनिक नीति और शासन पर कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम शुरू किया है। खास बात यह है कि एक सप्ताह का यह स्पेशल प्रोग्राम बांग्लादेश के 16 उपायुक्तों के लिए शुरू किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भारत के जिला कलेक्टरों द्वारा किए गए बेहतरीन कार्यों पर भी चर्चा हुई। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 से 20 जुलाई तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।
इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने में भारत के जिला कलेक्टरों द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा की गई। कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक बांग्लादेश के उपायुक्तों और भारत के जिला कलेक्टरों के बीच बातचीत बेस्ट प्रैक्टिस और नवाचारों की पहचान करने व उन्हें बढ़ावा देने में पारस्परिक रूप से लाभकारी होगी।
एक सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशासन, शहरी विकास, भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण व स्वास्थ्य शासन जैसे विभिन्न विषय शामिल हैं। भारत सरकार के कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 18 जुलाई को बांग्लादेश के उपायुक्तों के साथ बातचीत करेंगे।
सोमवार को उद्घाटन सत्र को एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार व लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने संबोधित किया। लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार की योजना, जिला स्तर पर योग्यता को मान्यता देने और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए भारत की नीति पर प्रकाश डाला गया।
एनसीजीजी में कोर्स कोऑर्डिनेटर और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ए.पी. सिंह ने एनसीजीजी का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने उपायुक्तों के लिए एक सप्ताह के कार्यक्रम के बारे में बताया। इसमें सतर्कता प्रशासन, शहरी विकास, भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण, स्वास्थ्य शासन, नवाचार, भारत-बांग्लादेश संबंध जैसे विभिन्न विषयों पर वरिष्ठ भारतीय सचिवों के साथ बातचीत शामिल है। कार्यक्रम में दिल्ली के विरासत स्थलों और आगरा के ताजमहल का दौरा भी शामिल है।
सोमवार को कार्यक्रम में डीएआरपीजी के निदेशक रोहित आनंद, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रिस्का पॉली मैथ्यू और एनसीजीजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमाशी रस्तोगी ने हिस्सा लिया।
संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख कोर्स समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह, एसोसिएट कोर्स समन्वयक डॉ. गजाला हसन और प्रशिक्षण सहायक संजय दत्त पंत करेंगे।
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