खरसिया। छत्तीसगढ़ी भाषा के उत्थान के लिए दिनांक 28 नवम्बर 2024 को हिंदी विभाग में छत्तीसगढ़ी भाषा दिवस मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मलेन में सर्वप्रथम विभाग प्रमुख डॉ रमेश टंडन के संयोजन में कवित्रय ने माँ शारदे की पूजा की. कुंती, निशा, राजकुमारी ने राज्य गीत गाया. दुर्गेश, आकांक्षा, पुष्पा, राहुल, मनोज, सोनू, पुष्पेन्द्र आदि के सहयोग एवं श्रद्धा कुर्रे के मंच सञ्चालन में डॉ रमेश टंडन ने आमंत्रित कवियों का स्वागत करते हुए “तैं मोर गुरतुर बोली” कविता कहकर छत्तीसगढ़ की लुप्त संस्कृति की ओर सभी का ध्यान आकृष्ट किया.
तत्पश्चात घरघोड़ा से पधारीं डॉ रुक्मिणी सिंह राजपूत ने सुमधुर स्वर में छत्तीसगढ़ी में श्रृंगार के गीत गाकर श्रोता छात्रों के बीच अविस्मर्णीय छाप बनायीं. बिन्चकोट से युवा छंदकार मनोहर दास वैष्णव “बैरागी” ने छत्तीसगढ़ी में छंद रचना सुनाकर खूब वाहवाही लुटी. साथ में उनकी धर्म पत्नी नूतन भी थीं. खरसिया से कई किताबों के प्रणेता गुलाब सिंह कँवर “गुलाब” ने सस्वर छत्तीसगढ़ी में गीत और कविता सुनाकर छात्रों में नवीन ऊर्जा का संचार किया और खुद की धर्मपत्नी पर कविता सुनाई. छात्र कौशल ने भी एक गीत गाया.
विभागीय प्रोफ़ेसर डॉ डायमंड साहू, कुसुम चौहान, अंजना शास्त्री सहित छात्र परिषद् के पदाधिकारी अन्नपूर्णा जायसवाल, पायल जायसवाल, श्रेया सागर, अंजली सिदार, पुष्पेन्द्र राठिया, निशा सिदार, राजकुमारी सिदार, कुंती सिदार, नर्मदा राठिया, मनोज बैगा, कौशल दास, श्रद्धा कुर्रे, तोष कुमारी साहू, आकांक्षा राठौर, सुनीता राठिया एवं सलीम राठिया, गज बाई, दुर्गेश पटेल, उमा साहू, डीलेश्वरी साहू, निशा सिदार, प्रीति राठिया, निशा राठिया, टिकेश्वरी गुप्ता, नेहा महंत, मंगलासो, शांति भारद्वाज, जीतू जोशी, पुष्पा नागवंशी, गुलापी राठिया, राहुल दास, विनायक पटेल, विवेक पटेल, सोनू बंजारे, धनराज चंद्रा आदि छात्रों ने कवि सम्मलेन का भरपूर आनंद लिया.