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छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिलों में शनिवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ दो अलग-अलग मुठभेड़ों में तीन नक्सली मारे गए। पुलिस ने तलाशी अभियान में दोनों मुठभेड़ स्थलों से हथियार और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया है। इन जगहों से नक्सली साहित्य भी बरामद किए गए हैं। पहली मुठभेड़ सुकमा जिले के बेलपच्चा गांव जबकि दूसरी मुठभेड़ बीजापुर जिले के मिरतुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक जंगल में हुई। तीनों नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
पहली घटना शनिवार सुबह सुकमा जिले के बेलपच्चा गांव के पास हुई। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि बेलपोच्चा गांव के पास मुठभेड़ उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों की टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों एनकाउंटरों में मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि 26 मई को बंद के आह्वान के मद्देनजर बेलपोच्चा, जीनेटोंग और उस्कावाया गांवों के जंगलों में नक्सली जमा होने वाले हैं।
इसके बाद जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और जिला पुलिस बल के जवानों के साथ शुक्रवार रात को तलाशी अभियान शुरू किया गया। बताया जाता है कि जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम बेलपोच्चा के पास पहुंची तभी नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई। गोलीबारी बंद होने के बाद एक नक्सली की लाश, हथियार, विस्फोटकों का जखीरा और नक्सल साहित्य मौके से बरामद किया गया।
बीजापुर पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दूसरी मुठभेड़ बीजापुर जिले के मिरतुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक जंगल में हुई। पुलिस को सूचना मिली थी कि जम्मीमरका और कामकानार गांव के जंगलों में खूंखार नक्सली जमा हैं। इसके बाद सुरक्षा बलों की ओर से तलाशी अभियान चलाया गया। डीआरजी की एक टीम नक्सलियों के कैंप के करीब पहुंची तो दूसरी ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। बताया जाता है कि गोलबारी बंद होने के बाद दो नक्सलियों के शव बरामद किए गए।