छत्तीसगढ़ में दो महिला समेत 3 नक्सलियों का सरेंडर, हथियार डालने की वजह भी बताई

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को तीन नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इस दौरान महिला नक्सली नंदे मड़काम (24) और मल्ले मुचाकी (25) समेत केशा गोंचे (22) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया। ये तीनों नक्सली मलंगर एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य थे।

इस बारे में जानकारी देते हुए दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि सरेंडर करने वाले तीनों नक्सलियों का कहना है कि वे माओवादियों की खोखली और अमानवीय विचारधारा से निराश हो गए थे, इसलिए उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। 

तीनों नक्सलियों को मिलता था ये काम

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन माओवादियों को सड़कें खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ गिराने तथा नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और एवं लगाने का काम सौंपा जाता था। 

पुलिस के मुताबिक तीनों नक्सलियों में से मड़कम क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन से जुड़ी हुई थी, जो कि प्रतिबंधित संगठन की बुरगुम पंचायत के तहत आता है। मुचाकी चेतना नाट्य मंडली की सदस्य थी, जो कि गोंदेरास पंचायत के अंतर्गत माओवादी संगठन की सांस्कृतिक शाखा है। जबकि गोंचे इसका मिलिशिया सदस्य था। 

‘लोन वर्राटू’ प्रभावित हुए तीनों नक्सली

पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘सरेंडर करने वाले नक्सली दक्षिण बस्तर में माओवादियों की मलंगर एरिया कमेटी का हिस्सा थे। उन्होंने बताया कि वे पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ (अपने घर लौटें) से प्रभावित थे और माओवादियों की खोखली विचारधारा से निराश थे।’

पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले तीनों नक्सलियों को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

4 साल में 799 नक्सलियों ने किया सरेंडर

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही, जून 2020 में शुरू किए गए पुलिस के ‘लोन वर्राटू’ (अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान के तहत अब तक 180 इनामी नक्सलियों समेत कुल 799 नक्सली सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं।