जांजगीर। जाज्यवल्य देव की पावन धरा जांजगीर-चांपा नगरी के समीपस्थ ग्राम पुटपुरा में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन 30 जनवरी को छत्तीसगढ़ के प्रख्यात कथा प्रवक्ता पंडित दीपककृष्ण महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। ऐसे में भक्तों के मन में ऐसी भक्ति रसधार बही कि शंख-घंट की ध्वनि के साथ जयकारों की गूंज से पूरा पुटपुरा गांव का वातावरण भक्तिमय में हो गया।
पंडित दीपककृष्ण महाराज ने कहा कि जब-जब गौ ब्राह्मणों और संतों पर अत्याचार होता है, तब किसी न किसी रूप में प्रभु अवतरित जरूर होते हैं और अधर्मियों को समूल नष्ट करके पुनः धर्म स्थापित करते हैं। वहीं कहा कि श्रीकृष्ण ने स्वयं नारद से कहा था कि नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च, मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद। जहां भी भक्त तन्मय होकर मेरा स्मरण करते हैं, वहां मैं जरूर पहुंचता हूं।
कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया गया। पूरा पंडाल मानो पल भर के लिए गोकुल हो गया। जमकर आतिशबाजी हुई और नंद घर आनंद भयो के उद्घोष से पूरा वातावरण पावन हो गया। हर ओर से फूलों की वर्षा होने लगी, वहीं भक्तों का मन गदगद हो गया। आचार्य दीपककृष्ण ने कहा कि कलयुग में इस तरह के आयोजन ही धर्म की धुरी को स्थापित रखते हैं।