खरसिया। विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी 2024 के अवसर पर शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग ने छात्रों की साहित्यिक प्रतिभा को उजागर करते हुए “आओ कविता करें” कार्यक्रम का आयोजन किया। विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ० आर के टण्डन की अभिनव सोच के परिणामस्वरूप छात्रों को मात्र एक दिन में एक मौलिक कविता रचने का टास्क दिया गया, जिसे पूरा करते हुए एम ए हिन्दी के छात्रों ने अपने कवित्व गुण को साकार किया।
छाया डनसेना ने ‘कोई बात बने’ और ‘हर औरत की कहानी’ पर कविता कही। बुबुन घृतलहरे ने अपने घुटने में चोट आने के बावजूद अपनी भावना को कविता ‘चलो न आज खुद से बात करते हैं’ के रूप में प्रस्तुत किया। छाया राठौर ने कविता प्रस्तुतिकरण के दौरान कहा “खुद को इतना दृढ़, दक्ष बना दूँ, मुसीबतों को अपने अनुकूल बना दूँ।” देविका राठिया ने “ऐसे न देखो हम अर्थ लगा लेंगे” शीर्षक पर कविता कही। रूखमणी राठिया ने बीर रस पर कविता लिखते हुए “चलो जवानों बढ़ते जाओ” पर कविता सुनाई। हेमलता बैगा ने “ऐ वतन, वतन तू जान मेरा” पर कविता सुनाकर देश के लिए हमारे कर्त्तव्य को याद दिला दी। कविता साहू ने “माँ की ममता” पर कविता सुनाई। हेमलता सिदार ने सफलता के मंत्र बताते हुए अपनी कविता में सुनाया- “करना कोशिश बार-बार सफलता होगी तुम्हारी।” दामोदर प्रसाद ने बेहतरीन शैली में “वजह तो नहीं” सुनाकर खुब तालियाँ बटोरी। सुनिता मिरी ने “वो हूँ मैं” पर कविता सुनाई। यामिनी राठौर ने भी “व्यक्तित्व मैं यामिनी हूँ” पर कविता कही।
अतिथि छात्र कवियों में विकास सोनी ने ‘कभी किसी को प्रेम की’, ‘तो समय दीजिए एक दूसरे के रूप से’, ‘परिभाषा सच्चा प्यार’, ‘पुरुष’, ‘परिवार के साथ समय’, ‘तुम्हारे लिए’ सुनाया। रंजन कुमार सोनी ने “मैं शायरी नहीं तुझे लिख रहा हूँ, तुझसे जुड़ा हर अहसास लिख रहा हूँ” कविता सुनाई। नरेन्द्र थवाईत ने “वो हूँ मैं” पर कविती कही। यशवंत बैरागी ने “कभी-कभी तुम्हारे मेरे पास होने से ही” शीर्षक पर अभिव्यक्ति दी। टिकेश्वरी पटेल ने “कान्हा” पर कविता कही। रविशंकर बघेल ने “ये ईश्क अब मेरी कहानी नहीं” पर कविता सुनाकर खूब वाहवाही पायी। अंत में संयोजक डॉ० आर के टण्डन ने “आँखों की हँसी”, “प्रसाद की पीड़ा” और “प्रेम की पीड़ा” के माध्यम से मानवीकरण करते मर्मस्पर्शी कविता सुनाई।
विभागीय शिक्षक प्रो० दिनेश कुमार संजय, प्रो० कुसुम चौहान की गरिमामय उपस्थिति में छात्रों में श्रेया सागर, छाया राठौर, छाया डनसेना, हेमलता सिदार, हेमलता बैगा, रूखमणी राठिया, अम्बिका राठिया, देविका राठिया, राजेश्वरी, सुनिता मिरी, बुबुन, नरेन्द्र, रविशंकर, यशवंत बैरागी, विकास सोनी, रंजन सोनी, कविता साहू, यामिनी राठौर, रजनी महंत, टिकेश्वरी पटेल आदि अनेक छात्रों ने छात्र-कवि सम्मेलन का खूब आनन्द उठाया।