स्कूल शिक्षा विभाग की भर्रासाही उजागर

स्कूल शिक्षा विभाग की भर्रासाही उजागर-दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय शालेय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता में बिना कोचिंग कैंप लगाए ही ले गए थे खिलाड़ियों को
इसलिए नहीं बना पाए राष्ट्रीय जिमनास्टिक शालेय क्रीडा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी कोई स्थान स्कूल शिक्षा विभाग के खेल शाखा में हुए फर्जीवाड़ा का हुआ खुलासा
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की 13 छात्राओं सहित छत्तीसगढ़ के 51 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय जिमनास्टिक में लिया था हिस्सा। दिल्ली में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता में भाग लेने वाली छात्राओं ने वहां आयोजित प्रतियोगिता में इसलिए स्थान नहीं बना पाई क्योंकि उन्हें बिना कोचिंग कैंप लगाए ही राष्ट्रीय जिमनास्टिक प्रतियोगिता ले जाया गया था। कोचिंग कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त किये बगैर खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय जिमनास्टिक प्रतियोगिता में उतारे जाने से छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राएं उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं कर सके तथा उसका खामियाजा यह रहा कि छात्र छात्राओं ने राष्ट्रीय जिमनास्टिक में कोई स्थान नहीं ले पाए।

उल्लेखनीय की बीते 18 दिसंबर से 23 दिसंबर तक दिल्ली में 67 वीं राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकोला की 13 छात्राओं सहित छत्तीसगढ़ के 51 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था। इस राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए संचालनालय लोक शिक्षण रायपुर द्वारा एक मुश्त बजट का प्रावधान करते हुए निर्देशित किया गया था कि राष्ट्रीय जिमनास्टिक में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक कोचिंग कैंप लगाकर प्रशिक्षण दिया जाए। इस निर्देश के पालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा दल प्रबंधक सीमा डेविड को कोचिंग कैंप लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे परंतु निर्देशों की अवहेलना करते हुए राष्ट्रीय जिमनास्टिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी छात्र-छात्राओं के लिए कोई कैचिंग कैंप नहीं लगाया गया और बिना प्रशिक्षण दिए ही 14 दिसंबर को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे और वहां दिल्ली में बगैर प्रशिक्षित खिलाड़ी छात्र-छात्राए प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाए तथा वहां कोई स्थान नहीं बना पाए। अलबत्ता इतना जरूर हुआ कि दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय जिमनास्टिक प्रतियोगिता में भाग लेने गई दुर्ग भिलाई की एक छात्रा का प्रदर्शन के दौरान हाथ टूट गया था जिसका इलाज दिल्ली के ही एक सरकारी अस्पताल में कराया गया था जबकि छत्तीसगढ़ के टीम की दल प्रबंधक सीमा डेविड सहायक जिला क्रीड़ा अधिकारी गौरेला पेंड्रा मरवाही प्रतियोगिता के बीच में ही 20 दिसंबर को 51 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को छोड़कर दिल्ली से पेंड्रा वापस आ गई थी।


*कोचिंग कैंप में के लिए शासन जारी करती है राशि जिसमें गड़बड़ी की है आशंका*


यहां पर उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी छात्र-छात्राओं के कोचिंग कैंप के लिए संचालनालय लोक शिक्षण रायपुर द्वारा राशि जारी करती है जिसमें तीन दिनों के प्रशिक्षण के दौरान खिलाड़ी छात्र-छात्राओं के लिए चाय नाश्ते एवं दोनों टाइम के भोजन का प्रबंध किया जाना होता है परंतु जब कोचिंग कैंप ही आयोजित नहीं किया गया है तब 51 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं के लिए आवंटित राशि में गड़बड़ी की आशंका स्वाभाविक रूप से दिखाई दे रही है। हालांकि सूत्रों के अनुसार खिलाड़ी छात्र छात्रों को धोखे में रखकर कोचिंग कैंप के बिल वाउचर पर यह कहकर हस्ताक्षर करा लिए गए हैं की दिल्ली में हुए खर्च के बिल वाउचर है परंतु कोचिंग कैंप आयोजित नहीं किया गया है इसकी पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में देखना यह है कि अब शिक्षा विभाग दोषी दल प्रबंधन पर क्या कार्यवाही करता है। क्या राष्ट्रीय जिमनास्टिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी छात्र-छात्राओं के भोजन पर डाका डालने वाले क्रीड़ा अधिकारी पर कोई कार्यवाही की जाएगी या नहीं?

*वेटिंग क्लियर नहीं होने के कारण शौचालय के पास भारत में बैठकर 17 घंटे यात्रा करनी पड़ी थी यात्रा खिलाड़ियों को*

अवगत हो कि राष्ट्रीय जिमनास्टिक प्रतियोगिता में दिल्ली भाग लेने गए छत्तीसगढ़ के 51 छात्र-छात्राओं को को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में दिल्ली से वापस आते समय फर्श पर बाथरूम के पास बैठकर कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए यातना पूर्ण यात्रा करनी पड़ी थी।दल प्रबंधक ने समय से वापसी का रिजर्वेशन नहीं कराया, जिसके कारण दिल्ली से वापसी की वेटिंग टिकट क्लियर नहीं हुई थी। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद छत्तीसगढ़ की पूरे देश स्तर पर बड़ी किरकिरी हुई थी। जबकि डाल प्रबंधक 20 दिसंबर को ही दिल्ली में खिलाड़ियों को छोड़कर वापस आ गई थी। राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को
18 घंटे का अधिक का सफर छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति के बाथरूम एवं वॉश बेसिन के सामने बैठकर रात भर करने के कारण अनेक छात्रों की तबीयत भी खराब हो गई परंतु विवाह की ओर से दोषी अधिकारी पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। बताया जाता है कि इस पूरे दिल्ली ट्रिप के लिए शिक्षण संचालनालय द्वारा लगभग 3 लाख 21 हजार रुपए जारी किए गए थे।

जिले की 13 छात्राएं गई थी राष्ट्रीय जिमनास्टिक में भाग लेने


उल्लेखनीय की दिल्ली में आयोजित 67 वीं राष्ट्रीय जिमनास्टिक शालेय क्रीडा प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की 13 छात्राएं दिल्ली गई थी जो शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला सकोला की है