घघरा में हो रही आशुतोष भगवान भोलेनाथ की पावन कथा, आचार्य दीपककृष्ण ने बताए मृत्यु के सात संकेत

खरसिया। ग्राम घघरा में नागलीला तथा मड़ाई मेला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसका पूरा दायित्व विक्की राठौर ने उठाया है। वहीं आचार्य दीपककृष्ण शास्त्री द्वारा यहां आशुतोष भगवान भोलेनाथ की कल्याणमयी पावन कथा सुनाई जा रही है, जिससे पूरा क्षेत्र शिवमय हो गया है। श्री शिव महापुराण जहां होती है वहां भगवान आशुतोष की कृपा अवश्य होती है, या यूं कहें कि जहां उनकी कृपा होती है वहीं महादेव की कथा होती है। कहना होगा कि इन 7 दिनों के लिए घघरा की यह पावन धरा शिव धाम में तब्दील हो चुकी है।

कथा के तीसरे दिन आचार्य दीपककृष्ण शास्त्री ने कहा कि महाकाल का मतलब है काल अर्थात मृत्यु भी जिसके अधीन है। शिव महापुराण में मृत्यु के कई संकेत बताए गए हैं। वहीं आचार्य ने शिवजी की महत्वपूर्ण घटनाओं, उपासना, और उनके लीलाओं के बारे में विस्तार से बताया। शिव महापुराण के अनुसार जिसके मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो जाती है। वहीं जिस व्यक्ति को अचानक मक्खियां आकर घेर लें, उसकी आयु भी कुछ ही महीने बची माननी चाहिए।

भगवान शिव ने बताया है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह जल्द मृत्यु की ओर बढ़ता है। वहीं अचानक किसी का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि यह मृत्यु के संकेत हैं। जिस मनुष्य का मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, उसके लिए जीवन के क्षण बहुत कम बचे हैं। जिसको चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो यह की मृत्यु करीब होने के संकेत हैं। वहीं जब किसी का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता रहे, जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब भी मृत्यु समीप ही जानें।