सर्व आदिवासी समाज ने कथित धर्मांतरण के खिलाफ इलाके में लड़ाई छेड़ी हुई है, जिले के बहुत से गांवों में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के नियमों के मुताबिक सार्वजनिक सूचना पट्ट लगाकर विरोध किया गया है, समाज के इस कदम को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भी जायज करार दिया है।