
रायगढ़, 17 नवंबर। रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र के ग्राम बिंजकोट-दर्रामुड़ा में स्थित शारदा एनर्जी कंपनी के गेट के सामने गुरुवार (13.11.2025) शाम को ठेकेदारी को लेकर हुए विवाद में कंपनी मैनेजर की पिटाई का मामला अब और गंभीर मोड़ लेता जा रहा है। घटना के चार दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने अब तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी बिंदास इधर-उधर घूम रहे हैं, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन आरोपियों को किसका संरक्षण मिल रहा है और पुलिस अब तक क्यों चुप्पी साधे हुए है? भूपदेवपुर थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के तहत गंभीर धाराओं में FIR तो दर्ज कर ली है, लेकिन कार्रवाई में सुस्ती नजर आ रही है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, विनोद शंकपाल अंबुले (उम्र 36 वर्ष), जो वर्तमान में शारदा एनर्जी कंपनी, बिंजकोट-दर्रामुड़ा में “थेजो इंजीनियरिंग लिमि.” में आरएम (RM) के पद पर कार्यरत हैं, 13 नवंबर की शाम करीब 6.30 बजे काम खत्म कर अपने घर जा रहे थे। जैसे ही वह कंपनी गेट के सामने पहुंचे, ग्राम बिंजकोट के मुकेश पटेल, श्याम कुमार सिदार और यशवंत डनसेना सहित उनके कुछ अन्य साथियों ने उन्हें घेर लिया। आरोपियों ने विनोद शंकपाल अंबुले से कहा, “बाहर के लोगों को ठेका दिए हो, हम गांव वालों को ठेका नहीं देते हो!” इस बात को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि सभी आरोपी एकजुट हो गए और मैनेजर के साथ मां-बहन की गंदी-गंदी गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे। इसके बाद उन्होंने मैनेजर पर हाथ मुक्का और लात घूसा से हमला कर दिया।
मैनेजर को गंभीर चोटें
इस हमले में मैनेजर विनोद शंकपाल अंबुले को सिर के पीछे, बांये पैर, दाहिना हाथ और कान के पास चोटें आई हैं। घटना के दौरान उनके साथी हेमंत बरेठ, जानकी राव और मनोज शर्मा सहित अन्य लोगों ने बीच-बचाव कर उन्हें बचाया।
BNS की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
पीड़ित विनोद शंकपाल अंबुले ने अगले दिन, 14 नवंबर को भूपदेवपुर थाना पहुंचकर पूरी घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रार्थी की रिपोर्ट पर भूपदेवपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 अधिनियम की धारा 351(3) (आपराधिक धमकी – मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी), 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), और 3(5) (हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
नया अपडेट : गिरफ्तारी में देरी, सीसीटीवी फुटेज की अनदेखी?
सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, घटना को चार दिन (आज सोमवार 17.11.2025) हो चुके हैं, लेकिन पुलिस की गिरफ्त में अब तक एक भी आरोपी नहीं आया है। आरोपी खुले आम घूम रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इन आरोपियों को किसका संरक्षण प्राप्त है और पुलिस अब तक क्यों हाथ पर हाथ धरे बैठी है? सूत्रों का कहना है कि कंपनी के मेन गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरों में घटना का पूरा वीडियो रिकॉर्ड है। पुलिस को इस फुटेज को खंगालना चाहिए और तत्काल आरोपियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि न्याय की प्रक्रिया तेज हो सके।
पुलिस अब नामजद आरोपियों और उनके अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है, लेकिन गिरफ्तारी न होने से मामले पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय लोगों और कंपनी के बीच ठेकेदारी को लेकर चल रहे तनाव को उजागर कर दिया है। पुलिस का कहना है कि वे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। आगे की जांच जारी है।

