
खरसिया :- प्रदेशभर में 15 नवम्बर से धान खरीदी का सीजन शुरू होने जा रहा है, लेकिन उससे पहले ही किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं। खरसिया तहसील सहित पूरे राज्य में बड़ी संख्या में किसान रकबा गड़बड़ी की समस्या से जूझ रहे हैं। कई किसानों का रकबा रिकॉर्ड से गायब (विलुप्त) हो गया है, तो कई का रकबा कम दिखाया जा रहा है। वहीं, कुछ किसानों के नाम का रकबा अन्य समितियों में ऑटोमैटिक ट्रांसफर हो गया है, जिससे किसान हैरान-परेशान हैं।
किसानों का कहना है कि जब उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल में अपना नाम और विवरण देखा, तो कई जगह पर उनका रकबा या तो गलत दर्शाया गया था या किसी अन्य ग्राम समिति में दिखाया जा रहा था। इस गड़बड़ी के कारण न तो वे अभी खरीदी केंद्र चुन पा रहे हैं और न ही उन्हें यह भरोसा है कि 15 नवम्बर से शुरू हो रही खरीदी में उनका धान समय पर खरीदा जा सकेगा।
इस पूरे मामले पर जब संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की गई, तो उनका कहना था कि यह तकनीकी समस्या “एग्रीटेक” पोर्टल की गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हुई है, और टीम द्वारा इसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।
लेकिन किसानों का कहना है कि हर साल नई-नई तकनीक के नाम पर उन्हें परेशान किया जाता है। “हम खेत में मेहनत करते हैं, लेकिन जब बेचने की बारी आती है तो सिस्टम की गलती हमारे खिलाफ काम करती है,” एक स्थानीय किसान ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि धान खरीदी शुरू होने से पहले सभी रकबा संबंधी त्रुटियों को तुरंत सुधार कर किसानों को राहत दी जाए, ताकि खरीदी प्रक्रिया में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

