
रायगढ़, 20 अक्टूबर 2025। इस बार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में दीपावली केवल रोशनी का नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और स्थायित्व का उत्सव बनने जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत जिले ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए 30 हजार से अधिक नए आवासों का निर्माण पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की प्राथमिकता, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के विशेष प्रयास और कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में यह संभव हुआ है। इस दीपावली, हजारों परिवार अपने “अपने घर” में पहली बार दीप जलाने की खुशी का अनुभव करेंगे।
मिशन मोड में दिखी रायगढ़ की प्रतिबद्धता
रायगढ़ प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना को केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि “जनभागीदारी अभियान” का रूप दे दिया। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचीं, कार्यों की मॉनिटरिंग की और हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की। जहां निर्माण की गति धीमी पाई गई, वहां तुरंत समीक्षा कर सुधारात्मक कदम उठाए गए। इस सतत निगरानी और मिशन मोड के प्रयासों का परिणाम यह रहा कि रायगढ़ ने 5 हजार, 10 हजार, 15 हजार, 20 हजार और 25 हजार घरों के सभी माइलस्टोन सबसे पहले पूरे किए। आज रायगढ़ प्रदेश का वह जिला बन चुका है, जिसने प्रधानमंत्री आवास योजना को जनसशक्तिकरण का उदाहरण बना दिया है।
आवास योजना से बढ़ा रोजगार, महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का अवसर
यह योजना केवल छत तक सीमित नहीं रही। रायगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भर दी है। महिला स्व-सहायता समूहों को सेटरिंग प्लेट निर्माण और आपूर्ति का कार्य सौंपा गया, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी और आत्मनिर्भरता दोनों मिली हैं। साथ ही, जिले में युवाओं को राज मिस्त्री के रूप में प्रशिक्षित कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित किए गए। इससे गांवों में श्रम को नया सम्मान मिला और ग्रामीण विकास में युवाओं की भागीदारी बढ़ी। रायगढ़ आज इस योजना के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण स्वावलंबन का आदर्श बन चुका है।
बिरहोर परिवारों के जीवन में उजाला लाई प्रधानमंत्री जनमन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत रायगढ़ जिले ने भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर परिवारों के लिए स्वीकृत 173 आवासों में से 150 का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि शेष आवासों पर अंतिम चरण का कार्य जारी है। इन पक्के घरों ने बिरहोर परिवारों को न केवल सुरक्षित आवास दिया, बल्कि सामाजिक सम्मान और आत्मविश्वास भी प्रदान किया है। इस दीपावली, उनके घरों में भी दीये जलेंगे — यह केवल रोशनी का नहीं, बल्कि सम्मान और समानता का उत्सव होगा।
रायगढ़ बना प्रदेश का अग्रणी जिला
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के सफल क्रियान्वयन में रायगढ़ लगातार प्रदेश में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा
“यह योजना केवल घर नहीं दे रही, बल्कि लोगों के जीवन में स्थायित्व, गरिमा और आत्मविश्वास की नींव रख रही है। अब इन घरों में हर त्योहार खुशियों की गूंज, बच्चों की हंसी और संतोष की मुस्कान लेकर आएगा — यही इस योजना की असली सफलता है।”
दीपावली की नई सुबह — ‘अपना घर’ की रोशनी से जगमगाएगा रायगढ़
रायगढ़ का यह दीपोत्सव प्रशासन की संवेदनशीलता, जनभागीदारी और मेहनतकश लोगों के सपनों का संगम है। इन 30 हजार घरों की चमक में छिपा है शासन की प्रतिबद्धता, जनता का विश्वास और उस उम्मीद की पूर्ति जो हर गरीब परिवार ने अपने लिए कभी देखी थी। इस दीपावली, रायगढ़ सचमुच “खुशियों की राजधानी” बनेगा – जहां हर घर में उजाला केवल दीयों से नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और नई शुरुआत की रोशनी से फैलेगा।

