बांके बिहारी समूह में विवाद: हरविलास अग्रवाल ने कंपनी की सुरक्षा के लिए विरोध किया तो उद्योगपति और पुत्र पर हिंसक हमला.. बमुश्किल बची जान, रायपुर में 5 लोगों पर FIR दर्ज

  • हरविलास बोले –  ‘कंपनी की सुरक्षा के लिए विरोध कर रहे थे, मेरे पुत्र को जान से मारने की कोशिश, पहले से तैयार थी योजना, हमें झूठे केस में फंसाया जा रहा है
  • शेयर और प्रबंधन विवाद ने लिया हिंसक रूप; पुलिस मामले की जांच में जुटी
  • मीटिंग में दबाव और मारपीट, आयुष अग्रवाल गंभीर रूप से घायल

रायगढ़। जिले के औद्योगिक क्षेत्र में चर्चित बांके बिहारी समूह के दो परिवारों के बीच चल रहे कारोबारी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। विवाद की वजह कंपनी के शेयर और प्रबंधन में नियंत्रण को लेकर तूल पकड़े तनाव को बताया जा रहा है। घटना में कंपनी के निदेशक हरविलास अग्रवाल और उनके पुत्र आयुष अग्रवाल को चोटें आई हैं, और आयुष का इलाज अस्पताल में जारी है। हरविलास ने बताया कि विवाद की जड़ पहले ही तैयार हो चुकी थी। उनके अनुसार, अजय अग्रवाल ने पहले ही उन पर और उनके पुत्रों पर कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर कंपनी के शेयर हड़पने का आरोप लगाया था, जिसकी शिकायत पूंजीपथरा थाना में दर्ज थी। इसी तनाव के बीच 17 अगस्त को रायपुर के तेलीबांधा स्थित सृष्टि गार्डन में कंपनी की एक महत्वपूर्ण मीटिंग आयोजित की गई।

हरविलास के मुताबिक, मीटिंग में उन पर और उनके पुत्र पर दबाव बनाया गया कि वे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करें। उन्होंने पहले ही मेल के जरिए विरोध जताया था और मीटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग और कंपनी सेक्रेटरी की मौजूदगी की मांग की थी, ताकि हर प्रक्रिया वैध तरीके से पूरी हो। लेकिन उनका विरोध सुनने से इनकार कर दिया गया। मीटिंग के दौरान, हरविलास और उनके पुत्र आयुष को गाली-गलौज और हाथापाई का सामना करना पड़ा। आयुष को कमरे से बाहर निकालकर रूम का दरवाजा बंद कर दिया गया, और उनके पैरों पर गंभीर चोट आई। हरविलास ने बताया कि पवन अग्रवाल ने आयुष के पैरों को काटने तक की कोशिश की और उनके सिर पर भी चोट लगी।

परिजन बने जल्लाद

उन्होंने कहा, “अगर हम समय पर वहां से नहीं निकलते, तो जान से मार सकते थे।” घटना के दौरान उनके ड्राइवर और आसपास के लोग मौजूद थे। इस पूरी घटना के संबंध में हरविलास ने कोतरा रोड थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि मीटिंग और मारपीट का क्रम योजनाबद्ध था। पुलिस ने धारा 294, 115(2), 351(2), 118 और 3(5) बीएनएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं और मीटिंग स्थल के सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। घटना ने रायगढ़ के औद्योगिक हलके में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि विवादित परिवार लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय है। हरविलास अग्रवाल फिलहाल अपने घायल पुत्र की देखभाल में हैं और पुलिस से सुरक्षा की मांग कर चुके हैं।

क्या कहते हैं हरविलास

अग्रवाल ने अपने पक्ष में कहा कि लंबे समय तक उनके और उनके भाइयों के बीच परिवारिक एकता बनी रही। उन्होंने बताया कि “जैसे ही रायगढ़ की राजनीति के बाहरी तत्व हमारे परिवार में दखल देने लगे, हम भाईयों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया।” हरविलास ने आगे कहा, “जिसके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों के घरों में पत्थर नहीं मारते।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फेसबुक और सोशल मीडिया पर उनके बारे में जो बातें चल रही हैं, उनका उनसे कोई लेना-देना नहीं है।

उद्योगपति हरविलास अग्रवाल

ज्ञात हो कि हरविलास अग्रवाल रायगढ़ के जाने-माने उद्योगपति हैं और लंबे समय से बांके बिहारी पावर एंड स्टील लिमिटेड तथा बांके बिहारी इन्फ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड का नेतृत्व कर रहे हैं। वे अपने व्यवसाय में पारदर्शिता, नियमों का पालन, कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता देने और समाज सेवा के लिए जाने जाते हैं। उनके दोनों पुत्रों की छवि भी शहर में निर्विवाद मानी जाती है। हालांकि परिवार में उपजे इस विवाद के बाद चर्चाएं तेज हैं कि हरविलास और उनके पुत्रों को फंसाने की कोई बड़ी साजिश रची जा रही है

अपने ही घर के चिराग को ऐसी कोई मारता है भला?

बहरहाल, पूरा मामला अब कानून के हवाले है और सच्चाई पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगी। इस बीच, हरविलास अग्रवाल ने अपने पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य केवल अपने परिवार और कंपनी की सुरक्षा करना था।

रायपुर में हुई FIR, की कॉपी