
रायगढ़। रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र में स्थित सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड (पूर्व में एसकेएस) कंपनी की मनमानी से स्थानीय लोग त्रस्त हैं। बिंजकोट-दर्रामुड़ा में स्थित इस कंपनी के कारण, कुर्रूभांठा से जामपाली फाटक, बाजार चौक दर्रामुड़ा होते हुए कंपनी के मेन गेट और बिंजकोट मार्ग तक की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इन भारी-भरकम गड्ढों से भरी सड़क पर प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहनों का आवागमन होता है, जिसने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। सबसे बड़ी चिंता का विषय तो यह है कि यह मार्ग स्कूली बच्चों के लिए मुख्य रास्ता है, और उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी की लापरवाही ने सुरक्षित आवागमन को खतरे में डाल दिया है।
लेकिन जनता की इस पीड़ा को दमदार आवाज दी है ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा के जांबाज उप-सरपंच कुश पटेल ने। बरसात के दिनों में जब इन गड्ढों ने विकराल रूप ले लिया था, तब उप-सरपंच पटेल ही थे जिन्होंने निडर होकर कंपनी के खिलाफ मोर्चा संभाला। उन्होंने न सिर्फ बार-बार कंपनी प्रबंधन को सड़क की बदहाली से अवगत कराया, बल्कि ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन की तैयारी भी शुरू कर दी थी। उनके कड़े रुख और दबाव के चलते ही कंपनी को लिखित में आश्वासन देना पड़ा था कि वे जल्द ही सड़क का निर्माण करवाएंगे। कुश पटेल ने जनता के हित में अपनी आवाज को बुलंद रखा, जबकि कंपनी सिर्फ झूठे वादों की घुट्टी पिलाती रही।
बरसात खत्म हो गई, समय बीतता गया, लेकिन कंपनी का “जल्द ही” कभी आया ही नहीं। उप-सरपंच कुश पटेल के मुताबिक, लिखित आश्वासन के बावजूद सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड ने सड़क बनाने का काम शुरू नहीं किया। निर्माण के नाम पर सिर्फ कंपनी के अवशिष्ट मटेरियल को गड्ढों में थोप दिया गया, जो अब धूल-धक्कड़ बनकर पूरे मार्ग पर उड़ रहा है। यह कंपनी की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि एक तरफ तो वह गांव के रास्ते का उपयोग अपने व्यापार के लिए करती है, और दूसरी तरफ जनता को धूल-मिट्टी और जर्जर सड़क के भरोसे छोड़ दिया है। कंपनी के इस ढुलमुल रवैये से साफ पता चलता है कि उनके लिए स्थानीय लोगों की सुरक्षा और सुविधा कोई मायने नहीं रखती।
जनता की आवाज को अपनी ढाल बनाने वाले उप-सरपंच कुश पटेल ने स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी के झूठे आश्वासनों की मियाद अब खत्म हो चुकी है। उन्होंने एक बार फिर सड़क निर्माण के लिए कंपनी से निवेदन किया है, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि अब सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा। कुश पटेल ने साफ शब्दों में कहा है कि अब वे इंतजार करेंगे कि कंपनी अपने वादे पूरे करती है या सिर्फ एक और धोखा देती है। अगर कंपनी जल्द ही सड़क निर्माण शुरू नहीं करती है, तो उप-सरपंच कुश पटेल ग्रामीणों के साथ मिलकर एक बड़े और आर-पार के आंदोलन की योजना बना रहे हैं, जिसके लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं। अब यह देखना होगा कि कंपनी जनता के आक्रोश के सामने झुकती है या आंदोलन के लिए मजबूर करती है।

