
रायगढ़। एक बार फिर जर्जर सड़कों ने रायगढ़ में एक और बेगुनाह की जान ले ली। सोमवार की शाम पूंजीपथरा थाना क्षेत्र के गेरवानी-सरायपाली मार्ग पर हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। खस्ताहाल सड़क पर अज्ञात वाहन की ठोकर से एक बाइक सवार ग्रामीण ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि उस सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है, जिसके आगे क्षेत्र के लोग पिछले कई सालों से बेबस हैं।
मां काली प्लांट के पास खून से सनी सड़क
जानकारी के मुताबिक, गेरवानी और सरायपाली के बीच स्थित मां काली प्लांट के समीप यह दुर्घटना हुई। सड़क की ऐसी भयावह स्थिति है कि आए दिन छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन सोमवार की शाम यह हादसा एक जानलेवा त्रासदी बन गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग अपनी बदहाली के चलते ‘मौत का जाल’ बन चुका है।
आश्वासन मिला, लेकिन मौत नहीं रुकी
क्षेत्रवासी लंबे समय से इस सड़क के निर्माण की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों जब लोगों ने चक्काजाम कर अपना विरोध जताया था, तो उन्हें सिर्फ ‘जल्द काम शुरू होने’ का झूठा आश्वासन देकर शांत करा दिया गया था। लेकिन, प्रशासन का वह आश्वासन इस बेगुनाह ग्रामीण की जिंदगी नहीं बचा सका। हर दुर्घटना के बाद गुस्सा और निराशा ही हाथ लगती है।
पुलिस जुटी, पर पहचान अभी बाकी
घटना की सूचना मिलते ही पूंजीपथरा थाने की पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने मर्ग पंचनामा कार्रवाई पूरी की और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। दुख की बात यह है कि खबर लिखे जाने तक न तो मृतक की शिनाख्त हो पाई है और न ही यह स्पष्ट हो पाया है कि हादसा किस वाहन की ठोकर से हुआ। पुलिस अज्ञात वाहन और मृतक की पहचान के लिए आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।
कब थमेगा सड़कों पर यह मौत का खेल?
यह घटना रायगढ़ की उन तमाम सड़कों की कहानी बयां करती है, जो औद्योगिक गतिविधियों के बोझ तले दबकर टूट चुकी हैं, लेकिन जिनकी मरम्मत पर प्रशासन का ध्यान नहीं जाता। सवाल यह है कि ऐसे और कितने निर्दोष लोगों को इन गड्ढों भरी सड़कों पर अपनी जान गंवानी पड़ेगी? क्या प्रशासन अपने झूठे आश्वासनों से बाहर निकलकर, अब सड़कों को मौत का नहीं, जिंदगी का रास्ता बनाएगा?

