
रायगढ़। फ्लाई एश परिवहन के लिए एसओपी जारी होने के बावजूद कुछ उद्योग पुराने ढर्रे पर ही काम कर रहे हैं। वाहनों में अनुमति से अधिक फ्लाई एश लोड कर परिवहन किया जा रहा है। परिवहन विभाग ने औचक जांच में सारडा एनर्जी दर्रामुड़ा की गई गाड़ियों को ओवरलोड पाया। इन पर सवा लाख रुपए जुर्माना लगाते हुए पर्यावरण विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।पावर प्लांटों में फ्लाई एश उत्सर्जन और निराकरण का खेल बहुत बड़ा है। खपत किए गए कोयले के हिसाब से निकलने वाले फ्लाई एश की वास्तविक मात्रा को छिपाया जाता है।
इसके बाद डिस्पोजल के लिए जो अनुमति मिलती है, उसमें भी ज्यादा एश डाल दिया जाता है। वाहनों में अनुमति से अधिक राखड़ लोड कर पीएमजीएसवाय सड़कों से गुजारा जाता है। सड़कें तो खराब होती ही हैं, नेशनल हाईवे पर भी असर पड़ता है। अवैध रूप से राखड़ का परिवहन किया जाता है। परिवहन विभाग ने रायगढ़-खरसिया एनएच में लगातार दो दिनों तक जांच की। इस दौरान जितने भी फ्लाई एश से भरे वाहन मिले, उसमें से अधिकांश सारडा एनर्जी दर्रामुड़ा के थे।प्रत्येक ट्रेलर और हाईवा के लिए मोटरयान अधिनियम में लोडिंग क्षमता तय है। उससे अधिक लोड पाए जाने पर परिवहन विभाग ने 1.20 लाख का जुर्माना लगाया है। जांच में पता चला कि सभी वाहन चंद्रा क्रशर उद्योग जांजगीर जा रहे थे। परिवहन विभाग ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पर्यावरण विभाग को पत्र लिखा है। कंपनी के कांटा पर्ची और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
प्रत्येक ट्रेलर और हाईवा के लिए मोटरयान अधिनियम में लोडिंग क्षमता तय है। उससे अधिक लोड पाए जाने पर परिवहन विभाग ने 1.20 लाख का जुर्माना लगाया है। जांच में पता चला कि सभी वाहन चंद्रा क्रशर उद्योग जांजगीर जा रहे थे। परिवहन विभाग ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पर्यावरण विभाग को पत्र लिखा है। कंपनी के कांटा पर्ची और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
दस ट्रांसपोर्टरों को मिला है ठेका
सारडा एनर्जी (पूर्व में एसकेएस पावर) ने दस ट्रांसपोर्टरों को फ्लाई एश परिवहन का ठेका दिया है। इनमें मुकेश पटेल, निखिल कंस्ट्रक्शन, रायगढ़ मोटर्स एंड लॉजिस्टिक्स, पवनपुत्र ट्रांसपोर्ट, चंद्रा क्रशर उद्योग, निष्ठा लॉजिस्टिक्स, इशिका कंस्ट्रक्शन, मां अंबे लॉजिस्टिक्स, रेफेक्स इंडस्ट्रीज आदि हैं। लेकिन जिस जमीन पर अनुमति दी गई है, उसमें गड़बड़ी है।
Input – Kelo Pravah

