दर्राभांठा (आड़ील) में देवी भागवत कथा के दौरान शिव विवाह प्रसंग का मनमोहक आयोजन

सक्ति। नवरात्रि के पावन अवसर पर सक्ति के ग्राम दर्राभांठा (आड़ील) में धार्मिक उत्साह और आस्था का विशेष माहौल बना हुआ है। आदर्श सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति और ग्रामीणों के सहयोग से 22 सितंबर 2025 से चल रही संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा में प्रतिदिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होकर आध्यात्मिक आनंद प्राप्त कर रहे हैं। कथा का वाचन आचार्य पंडित दीपक कृष्ण महाराज (ग्राम घघरा, खरसिया) द्वारा किया जा रहा है। छठवें दिन कथा के दौरान जब उन्होंने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया तो पूरा पंडाल भक्तिरस से सराबोर हो उठा।


आचार्य ने बताया कि पर्वतराज हिमालय की कठोर तपस्या के फलस्वरूप माता जगदंबा ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया। पार्वती बचपन से ही भगवान भोलेनाथ की उपासना में लीन रहीं। जब विवाह योग्य आयु आई तो महर्षि नारद ने पर्वतराज हिमालय को शिव-पार्वती विवाह का योग बताया। बाद में नंदी पर सवार होकर भगवान शिव भूत-प्रेत, गण और योगियों के साथ बारात लेकर पहुंचे। उनके इस अद्भुत स्वरूप को देख कर पर्वतराज और परिजन पहले तो चकित रह गए, लेकिन माता पार्वती ने हर्षपूर्वक भोलेनाथ को अपने वर के रूप में स्वीकार कर लिया।

इस अवसर पर शिव-पार्वती विवाह की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। ग्रामीणों ने फूल-मालाओं और जयकारों के बीच इस दिव्य प्रसंग का आनंद लिया। वातावरण “हर हर महादेव” और “जय माता दी” के उद्घोष से गूंज उठा। यह आयोजन आगामी दिनों तक चलता रहेगा, जिसमें देवी भागवत के अन्य दिव्य प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा। श्रद्धालु प्रतिदिन बड़ी आस्था और भक्ति भाव से कथा का रसपान कर रहे हैं।