
- 20 से अधिक मौलिक पुस्तकों के रचयिता हैं रामनाथ साहू जी
खरसिया। विभागीय वार्षिक कैलेण्डर के अनुसार डॉ रमेश टंडन के संयोजन में शासकीय महात्मा गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया के हिंदी विभाग के छात्रों ने दिनांक 21 सितम्बर 2025 को छत्तीसगढ़ के एक बड़े साहित्यकार से सौजन्य भेंट की. लगभग 20 मौलिक पुस्तकों के रचयिता ग्राम देवरघटा जिला सक्ती निवासी वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ साहू जी से मुलाकात करके छात्रों ने उनके साहित्यिक कृतियों के बारे में विस्तार से जाना. आधा दर्जन से अधिक छत्तीसगढ़ी उपन्यासों के प्रणेता खरसिया से मात्र दस किमी दूर स्थित गाँव में रहते हैं. यह बात अधिकांश पाठकों की जानकारी में नहीं थी. उनके गाँव परिवार की पिंकी साहू और रीना साहू के द्वारा रामनाथ साहू जी के बारे में अपने शिक्षक टंडन जी को बताए जाने पर साहू जी के साहित्यिक अवदानों पर शोध करने के उद्देश्यों से महाविद्यालय खरसिया के हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ आर के टंडन, डॉ डायमंड साहू, छात्र उमा साहू, रीना साहू, आकांक्षा राठौर, श्रद्धा कुर्रे, जीतू जोशी, अंजली सिदार, कुन्ती सिदार, राजकुमारी सिदार, निशा सिदार, तानिया राठौर, सुनिता राठिया, पुष्पा नागवंशी, रतिराम भारद्वाज, विनायक पटेल, प्रिया चंद्रा और पिंकी साहू ने उनके घर देवरघटा में उनसे भेंट की. भेंट के दौरान साहू जी के रचना संसार के बारे में जानकार सभी छात्र आश्चर्यचकित हो गए कि इतनी अधिक पुस्तकों के रचयिता हमारे नजदीक रहते हैं और हमें पता नहीं था.
साहू जी ने सदानीरा चित्रोत्पला (छत्तीसगढ़ी कविताओं का हिंदी अनुवाद), मनोकामना (हिंदी उपन्यास), सोनकमल (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), पखरा ले उठे आगी (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), द क्ले डॉल, द लिटिल सिस्टर ऑफ द होली महानदी (उपन्यास), दूध-पूत (छत्तीसगढ़ी कहानी संग्रह), कका के घर (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), जानकी (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), माटी के बर्तन (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), जागे जागे सुतिहा गो (छत्तीसगढ़ी नाटक), गीतांजलि (छत्तीसगढ़ी भावानुवाद), द कूल लैण्ड, राजा मांगत हे सपना के हिसाब (कविता संग्रह), भुइयां (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), मुक्ति दिवस (लघु कथा संग्रह), गति मुक्ति (छत्तीसगढ़ी कहानी संग्रह), फूटपाथ वाला (लघु कथा संग्रह), भूमि (हिंदी उपन्यास) आदि कृतियों की रचना की हैं. मुलाकात के दौरान कविता पाठ के अंतर्गत साहू जी ने सस्वर छत्तीसगढ़ी गीत छात्रों को सुनाए. डॉ टंडन ने भी अपनी मौलिक कविता प्रकृति की पीड़ा, परिधान की पीड़ा, प्रेम की पीड़ा और पेड़ की पीड़ा सुनाई. डॉ डायमंड साहू ने भी प्रेम पर कॉलेज अध्ययन के समय की स्वरचित कुछ गजलों को पढ़ा. सभी रचनाओं को छात्रों ने खूब सराहा. एम ए हिंदी महाविद्यालय खरसिया के मुलाकाती सभी छात्र वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ साहू जी के व्यक्तित्व व कृतित्व से अत्यंत प्रभावित हुए और उनसे प्रेरणा प्राप्त करके गदगद हो गए.





