शिक्षक की स्मार्ट सोच ने बदली वनांचल में शिक्षा की तस्वीर, क्षेत्रीय बच्चों ने फिर से रचा इतिहास

रायगढ़। जहां चाह, वहां राह! कहते हैं, अगर कोई चीज लगन और मेहनत से किया जाए, तो निश्चित ही उसमें सफलता मिलती है! शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है! एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक ऐसा प्राणी होता है, जो अपने ज्ञान, धैर्य, डांट प्यार और देखभाल से विद्यार्थी के पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है! छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के प्राथमिक शाला चारमार में पदस्थ शिक्षक “टिकेश्वर पटेल” जो अपने अध्यापन कार्य बहुत अच्छे तरीके से करवाने के अलावा, अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका होने के साथ, गांव एवं क्षेत्र के गरीब होनहार बच्चों को शाला समय के अतिरिक्त प्राथमिक स्तर के बच्चों की नीव को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

विशेष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जाना जाता है यह स्कूल
सबसे बड़ी उल्लेखनीय बात यह है कि रायगढ़ जिले के इस सरकारी स्कूल से पिछले वर्ष 6 छात्र-छात्राओं का नवोदय विद्यालय भूपदेवपुर के लिए चयन हुआ है एवं 3 छात्र / छात्रों का सैनिक स्कूल अंबिकापुर में चयन हुआ था, जिससे पिछले 15 वर्षों में इनके पढ़ाए 104 छात्र-छात्राओं का नवोदय में चयन ,3 छात्र/ छात्राओं का पिछले वर्ष सैनिक स्कूल में चयन से  चयन 21हो गया है। साथ ही एकलव्य विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 86 बच्चों का चयन तथा जवाहर उत्कर्ष में 17 विद्यार्थियों का चयनहुआ है।जिससे यह स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे को शिक्षा के साथ संस्कार एवं खेल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस विद्यालय में हर महीने की अंतिम शनिवार को मासिक टेस्ट लिया जाता है। जिससे उनके काम की प्रगति की समीक्षा हो जाती है। प्राइवेट विद्यालय की तर्ज पर दीपावली एवं शीतकालीन अवकाश में अतिरिक्त क्लास लगाई जाती है। अंग्रेजी एवं सामान्य ज्ञान पर विशेष फोकस किया जाता है नतीजा यह है कि पिछले 15 वर्षों में कोई न कोई छात्र नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य स्कूल एवं जवाहर उत्कर्ष जैसे प्रतियोगी परीक्षा में में प्रतिवर्ष 10 से 15 छात्रों का चयन हुआ है!

स्मार्ट क्लास से हो रही है बेहत्तर पढ़ाई
शासन से मिली प्रोजेक्टर सेट के द्वारा शिक्षक पटेल  ने यूट्यूब  का सहारा लेकर बच्चे को तरह-तरह के मैथ ट्रिक, रीजनिंग एवं हिंदी से संबंधित विभिन्न प्रकार के व्याकरण का नीव रखा। जिससे कि बच्चों को दक्ष करने में किसी प्रकार का कोई कसर नहीं छोड़े।साथ ही शासकीय प्राथमिक शाला  चारमार भवन परिसर एवं कक्षा की स्थिति कोई निजी स्कूल से कम नहीं है। स्मार्ट क्लास के अलावा, परिसर में हरियाली है एवं स्वच्छता का भी बराबर ध्यान रखा जाता है, शिक्षक टिकेश्वर पटेल का कहना है कि हम ज्यादातर घर के अलावा स्कूल में समय व्यतीत करते हैं। इसलिए हमारा संपूर्ण जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने स्कूल की सफाई सुंदरता अच्छी तरह से करें। जिससे कि विद्यालय में विद्यार्थी खुशनुमा माहौल में रहकर अच्छा तरह विद्या अध्ययन कर सकें।

“सुग्घर पढ़वईया”  चुनौती के अमल पर विशेष ध्यान
सीमित संसाधनों एवं चुनौतियां के बीच शिक्षा का अलख जगा पाना किसी चुनौती से कम नहीं। लेकिन यहां पदस्थ दोनों शिक्षकों की मेहनत एवं लगन ने वनांचल क्षेत्रों में शिक्षकों के बीच एक अलग पहचान बना रखी हैं। यहां पदस्थ दोनों शिक्षकों ने “सुग्घर पढ़वईया” जैसे चुनौती को स्वीकार कर उनको  कक्षा अनुरूप बच्चों में दक्षता हासिल करने का  प्रयास अनवरत जारी है। वर्तमान में प्राथमिक  इसमें अधिकांश बच्चे 22 से 23 बच्चे बाहर से आते हैं एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हुए शिक्षक के गृह ग्राम  में किराए में अपने पालकों के साथ रहकर यहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते है। अधिकांश बच्चे गरीब मजदूर वर्ग होने के कारण अधिकतर बच्चों को प्रतिदिन लेने जाना पड़ता है। यहां के शिक्षक के अथक प्रयास एवं मेहनत से माता, पिता एवं उनके पालकों को शैक्षिक महत्व बताते हुए बैठक कर उन्हें स्कूल  ही नहीं, वरन छुट्टी होने के बाद गांव एवं क्षेत्र के बच्चों को साला समय के अतिरिक्त सुबह-शाम दो-दो घंटा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं। इनके पढ़ाए क्षेत्र के हर गांव से बच्चे निकल कर डीपीएस, नवोदय विद्यालय सैनिक स्कूल, जवाहर उत्कर्ष, प्रयास जैसी चुनिंदा स्कूलों में अच्छी तालीम ले रहे है क्वालीफाइ बच्चों के लिए शालेय परिवार एवं शिक्षक ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं की है।

जिले का एक ऐसा शिक्षक जो,सुपर थर्टी की तर्ज पर करते हैं काम
वैसे तो गरीबों को कोचिंग देकर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उनकी राह आसान करने के नाम पर सुपर थर्टी के आनंद कुमार का नाम है लेकिन जिले में एक ऐसा शिक्षक भी है, जो इसी तर्ज पर काम करके गरीबों को निशुल्क कोचिंग देकर नवोदय या अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार करता है।
टिकेश्वर पटेल जिस तरह सुपर थर्टी के जरिए आनंद कुमार गरीब और जरूरतमंद छात्रों को इंजीनियर बनाने में मदद करते हैं। रायगढ़ जिले की टिकेश्वर पटेल ने गरीब तथा होनहार जरूरतमंद छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा जैसे नवोदय विद्यालय सैनिक स्कूल एकलव्य स्कूल जवाहर उत्कर्ष जैसे परीक्षाओं में चयन कराने से कोई कसर नहीं छोड़ते। पिछले 15 वर्षों में 104 बच्चों को नवोदय में 86 छात्र-छात्राओं को एकलव्य में 21 छात्र छात्राओं को सैनिक स्कूल में 17छात्रों को जवाहर उत्कर्ष में चयन हो चुका है।

प्रारंभिक टेस्ट ले कर देते हैं प्रवेश
शिक्षक पटेल पिछले 15 वर्षों में तथा  जरूरतमंद बच्चों को टेस्ट लेकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में चयन कराने से कोई  कसर नहीं छोड़ते साथ में इन्हें उनके आर्थिक एवं सामाजिक जरूरतमंद सुविधाएं भी उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार उसकी मेहनत रंग लाई पिछले इस सत्र में एक ही सरकारी स्कूल से 1 छात्र-छात्राओं का नवोदय में ,7 छात्र /छात्राओं को एकलब्य में, 3 छात्र /छात्राओं के सैनिक स्कूल में, एक छात्र का जवाहर उत्कर्ष में चयन होकर जिले में टॉप किया है।

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