
रायगढ़। पुसौर तहसील कार्यालय के बाहर का कुछ दिन पहले नज़ारा किसी आम दिन जैसा नहीं था। खाद किल्लत से जूझ रहे किसानों की भीड़, नारों की गूंज और बीच में कांग्रेसियों के साथ खड़े युवा नेता आकाश मिश्रा। हाथ उठाकर जब उन्होंने प्रशासन से सवाल दागे, तो भीड़ का उत्साह और बढ़ गया। किसानों की शिकायत थी – खाद नहीं मिल रही, बिजली के बिल आसमान छू रहे हैं। और उसी भीड़ के बीच आकाश मिश्रा का तेवर साफ दिख रहा था – यह लड़ाई सिर्फ कागज़ पर नहीं, जनता के हक़ की है।
वायरल हुआ आंदोलन का चेहरा
भीड़ में मौजूद किसी युवक ने मोबाइल कैमरा ऑन कर दिया। महज़ तीस सेकंड की क्लिप थी, लेकिन इसमें आकाश मिश्रा का आक्रामक तेवर, किसानों का समर्थन और जनता का भरोसा सब कुछ कैद हो गया। शाम तक यह वीडियो सोशल मीडिया पर तैरने लगा और अगले दो दिन में इसे लाखों लोगों ने देख लिया। जो नेता सोशल मीडिया से दूर रहना पसंद करता था, वही अचानक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चर्चा का सबसे बड़ा चेहरा बन गया।

गाँव से उठकर बड़े मंच तक
खरसिया विधानसभा के छोटे से गाँव बुनगा में जन्में आकाश मिश्रा की लोकप्रियता अचानक नहीं आई है। इसके पीछे वर्षों की मेहनत और राजनीतिक अनुभव का लंबा सफर है।
- 2005 में उन्होंने युवा कांग्रेस पुसौर के ब्लॉक अध्यक्ष बनकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
- 2009 में उन्होंने अपने गाँव में एक बड़ा दांव खेला – गांव के दिग्गज नेता के सामने अपनी माता जी को चुनाव मैदान में उतारा और एकतरफा जीत दर्ज कराई।
- इसी साल वे खरसिया विधानसभा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने और 2009 से 2012 तक लगातार इस जिम्मेदारी को निभाया।
- 2013 से 2016 तक वे विधानसभा खरसिया के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। इसी दौरान 2014 में वे फिर से सरपंच चुने गए।
- 2016 में उन्हें युवा कांग्रेस का प्रदेश सचिव बनाया गया, जिसने उनकी पहचान को प्रदेश स्तर पर मजबूत किया।
- 2019 के जिला पंचायत चुनाव में उन्होंने 6000 से अधिक वोटों से जीत हासिल कर सबको चौंका दिया।
- 2023 में उन्हें दोबारा युवा कांग्रेस का प्रदेश सचिव चुना गया।
- और फिर 2025 में उन्होंने साहसिक कदम उठाते हुए अपने पुराने क्षेत्र को छोड़ पुसौर से जिला पंचायत का चुनाव लड़ा। यह सीट मंत्री के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता था। मिश्रा ने यहाँ कड़ा मुकाबला किया और अंततः मात्र 58 वोटों से हार नसीब हुई। लेकिन इस हार ने भी उन्हें और बड़ा बना दिया।
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि “आकाश भइया चुनाव के बाद भी वैसे ही मिलते हैं जैसे पहले। फरियादियों की भीड़ उनके दरवाज़े पर हमेशा रहती है।

बिहार चुनाव में मिली बड़ी जिम्मेदारी
आज आकाश मिश्रा सिर्फ रायगढ़ तक सीमित नहीं हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारी सौंपी है। वे लगातार राहुल गांधी के साथ वोटर अधिकार यात्रा में सक्रिय हैं और कांग्रेस की जीत के लिए रणनीति में योगदान दे रहे हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि किसी भी नेता के लिए राज्य से बाहर इतनी जिम्मेदारी मिलना इस बात का प्रमाण है कि संगठन उनकी क्षमता और जनाधार को गंभीरता से देख रहा है।

जनता से सीधा रिश्ता
आकाश मिश्रा की खासियत यही है कि वे मंच से उतरे हुए भीड़ में वही इंसान बने रहते हैं जो गाँव का लड़का है। उनकी बातचीत सीधी होती है, लेकिन असरदार। लोग कहते हैं कि “दो मिनट उनसे बात कर लो, तो लगता है कि यह नेता नहीं, अपना आदमी है।”

राजनीति में नई तस्वीर
पुसौर आंदोलन का वायरल वीडियो केवल एक घटना नहीं है। यह संकेत है कि राजनीति में अब भीड़ के साथ-साथ कैमरे और मोबाइल भी उतने ही ताक़तवर हो गए हैं। और इस नए दौर में आकाश मिश्रा जैसे नेता, जो जमीन पर लड़ाई लड़ते हैं और जनता से सीधे जुड़े रहते हैं, वे सोशल मीडिया पर भी उतने ही प्रासंगिक हो रहे हैं।
आने वाले कल की गूंज
बुनगा गाँव का यह युवा नेता अब प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बना चुका है और राष्ट्रीय मंच पर पहुँचने की ओर कदम बढ़ा रहा है। चाहे बिहार की गलियाँ हों या रायगढ़ के गाँव, आकाश मिश्रा की पहचान एक ऐसे नेता की बन रही है जो सिर्फ भाषण नहीं देता, बल्कि भीड़ के साथ खड़ा होकर उसकी आवाज़ भी बनता है।
आकाश का वायरल वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक को टैप करें –
https://www.facebook.com/share/r/1ZawpA3PxK/

