दर्रामुड़ा से कोसमनारा बाबा धाम तक निकली कांवड़ यात्रा — शिवभक्ति, सेवा और सामाजिक सहभागिता का बना अनुपम संगम

रायगढ़, 4 अगस्त। सावन मास की आध्यात्मिक ऊर्जा और शिवभक्ति की अपार श्रद्धा को समर्पित ग्राम दर्रामुड़ा से कोसमनारा बाबा धाम तक की कांवड़ यात्रा इस वर्ष भी श्रद्धालुओं, युवाओं और समाज के सभी वर्गों की एकजुटता का प्रतीक बनकर सामने आई। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और सहयोग की भावना से सजी एक जीवंत यात्रा थी, जिसमें गांव-गांव की आस्था, युवाओं का उत्साह और सामाजिक संस्थाओं की सहभागिता ने भव्यता का रंग भर दिया। 03 अगस्त, रविवार की रात दर्रामुड़ा स्थित मांड नदी के पवित्र तट से विधिवत मंत्रोच्चार, पूजन और पवित्र जल भरने के साथ कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हुआ। जैसे ही भक्तों ने कांवड़ उठाई, पूरे वातावरण में “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष गूंज उठे। डीजे साउंड पर गूंजते भक्तिमय गीतों और शिवभजनों के बीच शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। नृत्य करते, शिवनाम गाते युवा श्रद्धालु अपनी टोली के साथ भक्ति की इस यात्रा में आगे बढ़ते रहे।

यात्रा दर्रामुड़ा से प्रारंभ होकर जामपाली, कुर्रुभांठा, नहरपाली, सिंघनपुर, रामझरना, भूपदेवपुर, केराझर, परसदा, चिराईपानी, पतरापाली, ढिमरापुर चौक और कोतरा रोड रायगढ़ होते हुए कोसमनारा बाबा धाम पहुंची। पूरे मार्ग में स्थानीय ग्रामवासियों ने पूरी श्रद्धा के साथ यात्रा का स्वागत किया। जगह-जगह फलाहार, शीतल जल, छाया और विश्राम की सुंदर व्यवस्था की गई थी। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों से लेकर युवाओं तक ने सेवा के इस महान अवसर में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस पुण्य अवसर पर शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड कंपनी सहित अनेक सामाजिक संगठनों और स्थानीय युवाओं ने मिलकर यात्रा को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया। इन सभी के सहयोग से यह आयोजन केवल धार्मिक न रहकर जनसामान्य के सहयोग और संगठन की शक्ति का भी प्रतीक बन गया। 04 अगस्त को सावन के चौथे सोमवार को कोसमनारा स्थित हठ योगी तपस्वी बाबा श्री श्री 108 सत्यनारायण बाबा जी के दिव्य सानिध्य में भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का विधिवत जलाभिषेक किया। बेलपत्र, दूध, दही, गंगाजल, भस्म, शहद, पुष्प और धतूरा के साथ भक्तों ने भगवान शिव की आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। दिनभर मंदिर परिसर में शिवभजनों की स्वर लहरियाँ गूंजती रहीं। भक्तों की भक्ति और बाबा की कृपा से कोसमनारा धाम पूरी तरह शिवमय हो गया।

कोसमनारा बाबा धाम रायगढ़ जिले में श्रद्धा और भक्ति का एक प्रमुख केंद्र है। यहां सावन के प्रत्येक सोमवार को दूर-दूर से श्रद्धालु आकर बाबा के दर्शन करते हैं और आध्यात्मिक शांति की अनुभूति करते हैं। बाबा सत्यनारायण जी को शिव का साक्षात अवतार मानने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान भक्ति और ऊर्जा का अद्भुत स्रोत है। इस वर्ष की कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं रही, बल्कि यह सामाजिक सहभागिता, सांस्कृतिक चेतना और सहयोग भावना का जीवंत उदाहरण बनी। ग्राम दर्रामुड़ा से कोसमनारा तक की यह यात्रा इस बात की मिसाल बन गई कि जब समाज के सभी वर्ग एक साथ आते हैं, तो हर आयोजन एक प्रेरणा बन जाता है।

यह यात्रा श्रद्धा, सेवा और समर्पण की ऐसी गाथा है, जो आने वाले वर्षों तक लोगों के दिलों में भक्ति और भाईचारे की अलख जगाती रहेगी।