19 वर्षों से कांवड़ यात्रा की परंपरा निभा रहे आकाश मिश्रा, इस बार 400 शिवभक्तों के साथ निकले देवघर के लिए

रायगढ़। श्रावण मास की पावन बेला में शिवभक्ति एक बार फिर अपने चरम पर है। रायगढ़ से बाबा बैधनाथ धाम तक की यह कठिन लेकिन पुण्यदायी यात्रा, न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि समर्पण, अनुशासन और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है। इसी श्रद्धा की डोर को थामे, शनिवार को रायगढ़ रेलवे स्टेशन से आकाश मिश्रा के नेतृत्व में करीब 400 शिवभक्तों का जत्था “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष के साथ साउथ बिहार ट्रेन से देवघर के लिए रवाना हुआ।

19 साल पहले चार श्रद्धालुओं से शुरू हुई यात्रा, अब विशाल कारवां
इस भक्ति-यात्रा की नींव आज से उन्नीस साल पहले पड़ी थी, जब आकाश मिश्रा ने अपने कुछ साथियों के साथ पहली बार यह यात्रा शुरू की थी। तब कारवां छोटा था—महज चार–पांच लोग। लेकिन आस्था के इस बीज को सींचते हुए, आज यह सैकड़ों श्रद्धालुओं का विराट स्वरूप ले चुका है।

“हर साल अपने मित्रों और परिवारजनों के सहयोग से यात्रा का आयोजन करते हैं। हर बार नए लोग जुड़ते हैं और अब यह हमारा एक बड़ा आध्यात्मिक परिवार बन चुका है,”
— आकाश मिश्रा, संयोजक

सुल्तानगंज से जल लेकर 105 किमी पैदल यात्रा
यात्रा का पहला पड़ाव होगा भागलपुर, जहां से यह जत्था सुल्तानगंज पहुंचेगा और पवित्र गंगा नदी से जल लेकर पैदल यात्रा की शुरुआत करेगा। यह यात्रा लगभग 105 किलोमीटर लंबी होगी, जो तीन दिनों में पूरी की जाएगी। रास्ता कठिन होगा, लेकिन भक्ति की शक्ति हर दर्द को हर लेगी।
यात्रा का समापन देवघर के बाबा बैधनाथ धाम में श्रावण के चौथे सोमवार को भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ होगा।

पूरे अंचल से उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
इस जत्थे में रायगढ़ ही नहीं, बल्कि बूनगा, डभरा, शक्ति और आसपास के गांवों एवं शहरों से भी श्रद्धालु शामिल हुए हैं। रास्ते भर भजनों की स्वर लहरियां, “बोल बम” के नारे और भोलेनाथ की महिमा का गुणगान यात्रा को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देंगे।

यह कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि आस्था, भाईचारे और संगठन की मिसाल है। जब ये शिवभक्त देवघर पहुंचेंगे, तो वहां का वातावरण भी उनकी भक्ति से सराबोर हो उठेगा और बाबा बैधनाथ का दरबार ‘हर हर महादेव’ के नारों से गूंज उठेगा। हर हर महादेव! बोल बम!