
नंदेली। खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार का स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में स्कूल को बंद करना एवं सेटअप बदलना छत्तीसगढ़ के बी.एड़, डी.एड़. शिक्षीत बेरोजगारों के साथ बहुंत बड़ा धोखा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है कि सेटअप बदलकर पद संख्या को कम किया जाए ताकि नई भर्ती करना ना पड़े।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 10463 स्कूलों को बंद किया गया है। तथा स्कूलों के डाइस कोड़ को समाप्त कर दिया गयश है, जिससे इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों युक्तियुक्तकरण कर अन्यत्र स्कूल में भेज दिया गया है। स्पष्ट है कि इतने शिक्षक के पद समाप्त हो जायेंगे। क्योंकि स्कूल ही नही रहेगा तो शिक्षक भर्ती कहां से होगी। पूर्व में भी भाजपा सरकार द्वारा लगभग 3000 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था जिसके पदस्थ शिक्षक का पद सृजित नहीं हो पाया है। वर्तमान युक्तियुक्तकरण में प्राथमिक शालाओं में 30 दर्ज संख्या तक 01 प्रधानपाठक और 01 शिक्षक रखा गया है 05 कक्षा कों 02 शिक्षक कैसे पढ़ा सकेंगे। इसी प्रकार माध्यमिक शालाओं में 01 प्रधानपाठक और 02 शिक्षक रखा गया है। उसमें भी 01 कक्षा में 06 विषय कैसे पढ़ा पायेंगे यह सोचनिय है।
विधायक उमेश पटेल ने आगे कहा कि वर्तमान में जो युक्तियुक्तकरण हुआ है उसमें भी बहुंत सारी विसंगतीयां की जानकारी मिला है जिसका कई शिक्षक संगठनों ने भी विरोध किया है। सरकार द्वारा 33 हजार शिक्षकों की भर्ती का घोषणा किया गया था परंतु ऐसा प्रतित होता है कि इस युक्तियुक्तकरण से सेटअप में परिवर्तन किया जा रहा है जिससे सभी स्कलों से रिक्त पद समाप्त हो रहें हैं, ऐसी स्थिति में प्राशिक्षित बी..एड़ व डी.एड़ तथा शिक्षक पात्रता परिक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थीयों के लिए आगामी वर्षों में नई भर्ती के द्वार समाप्त हो जायेगा, जिससे स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पर भी विपरित असर पडेगा। युक्तियुक्तकरण से विद्यार्थीयों एवं पालकों पर भी विपरित असर पड़ेगा। शिक्षक एवं विद्यार्थी अनुपात में कटौती किये जाने से सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा संभव नहीं है।
विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि सरकार को विद्यार्थियों एवं पालकों के हित को देखते हुए युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को बंद करना चाहिए और नयी भर्ती का द्वार खोलना चाहिए।

