
रायगढ़। रायगढ़ जिले के खरसिया तहसील अंतर्गत ग्राम बिंजकोट व ग्राम दर्रामुड़ा में स्थित सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड कंपनी के खिलाफ स्थानीय ग्राम पंचायतों और कर्मचारियों ने 25 जून 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। कंपनी प्रबंधन पर मनमानी और स्थानीय समुदाय के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए ग्रामीण और कर्मचारी कंपनी के मुख्य द्वार के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे।
हड़ताल के पीछे ग्राम पंचायत बिंजकोट, ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा और स्थानीय कर्मचारियों की पांच सूत्री मांगें हैं, जिनमें सड़क निर्माण, अंग्रेजी माध्यम स्कूल, वेतन संशोधन, भू-विस्थापितों को रोजगार, और स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता शामिल हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने विकास के नाम पर क्षेत्र को विनाश की ओर धकेल दिया है।
मुख्य मुद्दे और मांगें:
1. सड़क की बदहाली: कंपनी के एक नंबर गेट से कुर्रूभांठा तक का मार्ग अत्यंत जर्जर है। भारी वाहनों की आवाजाही से स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के लिए यह मार्ग खतरनाक हो गया है। ग्रामीणों ने अतिशीघ्र RCC सड़क निर्माण की मांग की है।
2. अंग्रेजी माध्यम स्कूल का वादा अधूरा: कंपनी ने 8 अगस्त 2019 को लिखित रूप में अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। इससे सैकड़ों बच्चे गांव से बाहर पढ़ने को मजबूर हैं। ग्रामीण 2025 सत्र से स्कूल शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
3. वेतन में भेदभाव: समान पद और योग्यता के बावजूद स्थानीय और बाहरी कर्मचारियों के वेतन में भारी अंतर है। सभी स्थानीय कर्मचारियों का वेतन संशोधन और ठेका कर्मचारियों के लिए 15% वार्षिक वेतन वृद्धि की मांग की गई है।
4. भू-विस्थापितों के साथ अन्याय: 60 वर्ष की आयु पूरी होने या मृत्यु के बाद भू-विस्थापित कर्मचारियों के परिवार के किसी सदस्य को रोजगार नहीं दिया जा रहा। ग्रामीणों ने बचे हुए भू-विस्थापित परिवारों को सात दिनों के भीतर रोजगार देने की मांग की है।
5. रोजगार में स्थानीय लोगों की अनदेखी: कंपनी पर बाहरी लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देने का आरोप है। ग्रामीणों ने बिंजकोट और दर्रामुड़ा के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग उठाई है।
ग्रामीणों का गुस्सा: ग्राम पंचायतों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन वर्षों से उनकी मांगों पर टालमटोल कर रहा है। स्थानीय कर्मचारियों ने प्रबंधन पर तानाशाही और सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे कंपनी के मुख्य द्वार पर धरना जारी रखेंगे।
कंपनी की चुप्पी: इस मामले पर सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड के प्रबंधन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हड़ताल से कंपनी के संचालन पर असर पड़ने की संभावना है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।
स्थानीय प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की गई है ताकि ग्रामीणों और कंपनी के बीच सुलह हो सके। यह हड़ताल क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक हालात पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

