

छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर निगम में सभापति पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के बागी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। इसके बाद भाजपा ने चुनाव के दौरान बागी उम्मीदवार के पक्ष में दिए गए बयान को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री लखन लाल देवांगन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर निगम में सभापति पद के लिए हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। इसके बाद भाजपा ने चुनाव के दौरान बागी उम्मीदवार के पक्ष में दिए गए बयान को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री लखन लाल देवांगन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सत्तारूढ़ पार्टी की प्रदेश इकाई के महामंत्री जगदीश रामू रोहरा ने देवांगन को जारी नोटिस में कहा है, ”नगर निगम कोरबा में सभापति निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद आपके द्वारा मीडिया में जो बयान दिया गया है वो अनुशासन भंग करने की दायरे में आता है। प्रदेश इकाई के अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देशानुसार आप अपना पक्ष 48 घंटे के अंदर प्रस्तुत करें।”
कोरबा नगर निगम के सभापति पद के लिए 8 मार्च को चुनाव हुआ था, जिसमें नवनिर्वाचित पार्षदों ने अपने वोट डाले थे। भाजपा ने इस पद के लिए अपने पार्षद हितानंद अग्रवाल को मैदान में उतारा था, लेकिन पार्टी के ही एक अन्य पार्षद नूतन सिंह ठाकुर बागी हो गए। पार्टी पार्षदों की मदद से ठाकुर ने चुनाव जीत लिया।
ठाकुर को 33 और निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रहमान को 18 वोट मिले, जबकि भाजपा के अग्रवाल 16 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। बता दें कि, कोरबा नगर निगम में 67 पार्षद हैं, जिनमें 45 भाजपा के, 11 कांग्रेस के और 11 निर्दलीय हैं।
चुनाव के बाद कोरबा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री देवांगन ने ठाकुर को बधाई दी थी और कहा था कि पार्टी के पार्षदों ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के बजाय उनका समर्थन किया।
देवांगन ने कहा, ”मैं नूतन सिंह को कोरबा नगर निगम के सभापति चुने जाने पर बधाई देना चाहता हूं। वह भाजपा पार्षद चुने गए थे। पार्टी ने इस पद के लिए हितानंद अग्रवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन हमारे पार्षदों ने एकजुट होकर नूतन जी का सर्वसम्मति से समर्थन किया। हम उनके फैसले को स्वीकार करते हैं।’’
इससे पहले दिन में, राज्य में भाजपा ने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने के लिए नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।
