
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसका कथित तौर पर माओवादियों से संबंध है। यह गिरफ्तारी आतंकी फंडिंग मामले में की गई है।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसका कथित तौर पर माओवादियों से संबंध है। यह गिरफ्तारी आतंकी फंडिंग मामले में की गई है। अधिकारियों के अनुसार, रघु मिडियामी मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) का नेता है, जिसे पिछले साल छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2005 के तहत प्रतिबंधित कर दिया था।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने नवंबर 2023 में कथित आतंकी फंडिंग का मामला दर्ज किया था, जिसके बाद उन्होंने दो लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) होने का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की। पिछले साल, यह मामला उन दो दर्जन से ज्यादा माओवादी-संबंधित मामलों में से एक था, जिन्हें एनआईए ने राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले लिया था। जांचकर्ताओं ने दावा किया कि आगे की जांच के दौरान मिडियामी की एमबीएम नेता के रूप में भूमिका स्थापित हुई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने एक प्रेस नोट में कहा, ‘यह संगठन सीपीआई (माओवादी) के लिए धन संग्रह, भंडारण और वितरण में लगा हुआ है, ताकि उनके भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके। एनआईए जांच के अनुसार, रघु मिडियामी सीपीआई (माओवादी) के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के लिए स्थानीय स्तर पर धन के वितरण के लिए नोडल व्यक्ति था।’
वहीं मानवाधिकार समूह पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने गिरफ्तारी की निंदा की है और कहा है कि मिडियामी बस्तर क्षेत्र की आदिवासी आबादी के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। पीयूसीएल की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘पीयूसीएल मांग करता है कि रघु मिडियामी के खिलाफ झूठे मामले को वापस लिया जाए, मूलवासी बचाओ मंच पर प्रतिबंध हटाया जाए और एमबीएम के अन्य युवा कार्यकर्ताओं जैसे सुनीता पोट्टम, गजेंद्र मडावी, शंकर और अन्य को भी तुरंत रिहा किया जाए।’



