गौमाता की जान बचाने के लिए कामधेनु गौ सेवा संगठन और पशु-चिकित्सकों का सफल ऑपरेशन

खरसिया, 11 फरवरी। बेसहारा और बेजुबान पशुओं की सेवा में समर्पित कामधेनु गौ सेवा संगठन खरसिया ने एक और मिसाल पेश की। खरसिया के अजीत नगर गुरुद्वारे के पास एक गौमाता गंभीर स्थिति में थी। उसके गर्भ में पल रहा बछड़ा मृत हो चुका था और अत्यधिक बड़ा होने के कारण वह बाहर नहीं आ पा रहा था। अगर समय पर इलाज न किया जाता, तो गौमाता की जान भी खतरे में पड़ सकती थी।

जैसे ही संगठन को इस स्थिति की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत खरसिया पशु-चिकित्सा विभाग से संपर्क किया। जिला प्रभारी दिलीप पटेल, पशु-चिकित्सक दीपक पटेल और उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंचे। पहले प्राकृतिक रूप से डिलीवरी कराने की कोशिश की गई, लेकिन असफलता मिलने पर ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।

लगभग चार घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन में डॉक्टरों और गौसेवकों ने पूरी मेहनत और समर्पण के साथ काम किया। अंततः ऑपरेशन सफल रहा, और गौमाता को सुरक्षित बचा लिया गया। हालांकि, मृत बछड़े का अंतिम संस्कार कर दिया गया। कामधेनु गौ सेवा संगठन के प्रमुख राकेश केशरवानी ने बताया, “अगर कुछ देर और हो जाती, तो गौमाता की जान भी जा सकती थी, क्योंकि मृत भ्रूण से पूरे शरीर में ज़हर फैलने का खतरा था। लेकिन सही समय पर इलाज मिलने से गौमाता की जान बच गई।”

इस पुण्य कार्य में संगठन के सदस्य जयशंकर पटेल, पुष्पाकर पटेल, लंबोदर मानिकपुरी, प्रभात तिवारी, हर्ष शर्मा, माधव शर्मा, शनि मानिकपुरी सहित अन्य गौसेवकों का विशेष योगदान रहा। कामधेनु गौ सेवा संगठन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उनकी इस निस्वार्थ सेवा के लिए पूरे क्षेत्र में उनकी सराहना हो रही है।